केरल हाईकोर्ट ने वालयार रेप और हत्या मामले के तीनों आरोपियों को बरी किए जाने के मामले पर सुनवाई करने के लिए तैयार है। रिहा करने के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसके लिए केरल हाईकोर्ट ने आरोपियों को नोटिस भेजा है। अक्टूबर में एक विशेष अदालत ने 2017 में वालयार में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न और हत्या के तीन आरोपियों को बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट तैयार हो गई है।
20 नवंबर को केरल सरकार ने वालयार बहनों की मौत के मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर कहा कि निचली अदालत के फैसले में त्रुटियां हैं। राज्य सरकार ने अदालत से मामले का रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश देने, सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने और अपराध के लिए आरोपी को दोषी ठहराने या अपराध की जांच का आदेश देने की मांग की गई है।
सरकार ने इस बात को स्वीकार किया कि पुलिस सभी पहलुओं की पुख्ता जांच करने में नाकाम रही। सरकार के राज्य विधानसभा में मामले के सरकारी वकील को हटाने का ऐलान करने और पुलिस जांच में त्रुटियों का पता लगाने के संबंध में जांच जारी होने की बात कहने के बाद यह कदम उठाया गया है।
पिछले हफ्ते केरल हाईकोर्ट ने पीड़िता की माँ द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका स्वीकार कर थी। पीड़िता की मां ने आरोपियों को बरी किए जाने के कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
2017 में वालयार में दो नाबालिग बहनों की कथित तौर पर रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। पीड़ित परिवार अर्से से इस मामले न्याय की गुहार कर रहा है। 13 वर्षीय बच्ची की मौत 13 जनवरी 2017 को हुई थी और एक 9 साल की बच्ची की मौत 52 दिन बाद हुई थी।