लखनऊ गोलीकांड में बड़ा खुलासाः बच सकती थी विवेक की जान, गोली लगने के 55 मिनट बाद तक थे जिंदा

By भारती द्विवेदी | Updated: October 3, 2018 12:36 IST2018-10-03T12:08:16+5:302018-10-03T12:36:55+5:30

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर विवेक 55 मिनट तक जिंदा थे, तब उसे अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया गया?

Vivek tiwari could have been saved was alive for 55 minutes revealed in postmortem report | लखनऊ गोलीकांड में बड़ा खुलासाः बच सकती थी विवेक की जान, गोली लगने के 55 मिनट बाद तक थे जिंदा

लखनऊ गोलीकांड में बड़ा खुलासाः बच सकती थी विवेक की जान, गोली लगने के 55 मिनट बाद तक थे जिंदा

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए गोलीकांड में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। एपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में एक नई बात सामने आई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार गोली लगने के बाद विवेक लगभग 55 मिनट तक जिंदा थे। विवेक की सहकर्मी सना खान ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस वाले ने डेढ़ बजे गोली मारी थी। और विवेक को दो बजकर पांच मिनट पर  राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यानी गोली लगने के 35 मिनट बाद। अस्पताल में भर्ती होने के 20 मिनट बाद यानी दो बजकर पच्चीस मिनट पर उनकी मौत हो गई थी। 

नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार, डॉक्टरों का साफ कहना है कि अगर विवेक को सही समय पर अस्पताल में भर्ती कराया गया होता तो उन्हें बचाया जा सकता था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर विवेक 55 मिनट तक जिंदा थे, तब उसे अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया गया? जबकि घटनास्थल और अस्पताल के बीच आने-जाने में 15 मिनट लगते हैं। ऐसे में अब सना खान सवालों के घेरे में फंसते दिख रही हैं। सना ने अपने बयान में कहा था कि उनके पास फोन नहीं था, फिर उन्होंने बाद में कहा कि उनका फोन पुलिसवालों ने ले लिया था।

आपको बता दें, बीते दिनों एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ घर लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया। इसके बाद कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी, जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

Web Title: Vivek tiwari could have been saved was alive for 55 minutes revealed in postmortem report

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