कानपुर: कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey dead) एनकाउंटर में मारा गया है। कानपुर गोलीकांड का मास्टरमाइंड विकास दुबे (Vikas Dubey) को कानपुर ला रही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी आज (10 जुलाई) को दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। ये हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ है। जो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई है, उसमें विकास दुबे भी सवार था। बताया जा रहा है कि जैसे ही गाड़ी पलटी विकास दुबे ने बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे पर फायरिंग की और मार गिराया। जिसके बाद विकास दुबे के शव को अस्पताल ले जाया गया है। विकास दुबे के मारे जाने की खबर की पुलिस ने भी अधिकारिक पुष्टी की है। घटना में पुलिस के चार लोग भी घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है।
कानपुर पश्चिम के एसपी ने कहा, विकास दुबे को जब लाया जा रहा था तब गाड़ी पलट गई, इसमें जो पुलिसकर्मी घायल हुए उसने उनका पिस्टल छीनने की कोशिश की। पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की जिसमें उसने जवाबी फायरिंग की। आत्मरक्षा में पुलिस ने फायरिंग की।
IG कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा, घटना में पुलिस के चार लोग भी घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है।
कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल के डॉक्टरों ने विकास दुबे को मृत घोषित किया
पुलिस एनकाउंटर में गोली लगने के बाद विकास दुबे को कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल लाया गया था, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। कानपुर पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने घायल सिपाही की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। जब पुलिस ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा तो पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें हमारे कुछ सिपाही घायल भी हो गए हैं। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में विकास दुबे को गोली लगी।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के अंदर से 9 जुलाई को गिरफ्तार हुआ था विकास दुबे
गुरुवार (9 जुलाई) की सुबह तकरीबन 9 बजे के आसपास आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया था। हालांकि विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कई सवाल भी उठ रहे थे। विपक्ष के लोगों का कहना है कि ये एक प्रकार सरेंडर था। लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार ने कहा है कि एमपी पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार किया है।
जानें कानपुर एनकाउंटर (kanpur Encounter) में क्या हुआ?
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के विकास दुबे के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। जिसमें यूपी पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। शहीद होने वालों में पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल थे।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।