लखनऊः उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़िये और पीलीभीत और रामपुर में तेंदुए का आतंक देखने को मिल रहा है। पीलीभीत नगर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में एक गन्ने के खेत में और रामपुर जिले के जमुना जमुनी गांव में तेंदुआ नजर आने से ग्रामीणों में दहशत फैल गयी है। वन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गयी है।
अधिकारी ने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र से निकलकर बाहर आया तेंदुआ नगर कोतवाली से सटे बिलगांव गांव में बृहस्पतिवार देर शाम एक गन्ने के खेत में बैठा नजर आया। ग्रामीणों की नजर जब तेंदुए पर पड़ी तो आसपास के गांवों से भी लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। वन विभाग के अधिकारी भी तेंदुआ आबादी के नजदीक पहुंचने की जानकारी मिलने पर सक्रिय हो गए।
ग्रामीणों का कहना है इससे पहले भी इसी गांव में एक बाघ ने दहशत फैलाई थी। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक मनीष सिंह ने पत्रकारों को बताया कि वन्य जीव के मानव आबादी के करीब पहुंचने की सूचना मिलने पर टीम को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया है। अधिकारी तेंदुए को सुरक्षित ढंग से जंगल में लौटाने की प्रक्रिया में जुटे हैं ताकि मानव जीव संघर्ष या किसी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
ग्रामीणों ने बताया कि रामपुर जिले के जमुना जमुनी गांव के लोग तेंदुए के आतंक से परेशान है क्योंकि आबादी के आसपास तेंदुए को घूमते हुए, कृषि क्षेत्र के ट्यूबवेल के बोरिंग पर बैठे हुए और पालतू जानवरों की फिराक में घात लगाए देखा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगा दिए हैं लेकिन अभी तक तेंदुआ पकड़ने में कोई कामयाबी नहीं मिली है।
क्षेत्र के लोगों में दहशत बरकरार है। स्थानीय निवासी हरदीप सिंह ने बताया,‘‘ यहां तीन-चार दिन पहले तेंदुआ देखा गया था और फिर वन विभाग वालों को इसकी सूचना दी गई। पुष्टि तो कर दी गई है कि यहां पर तेंदुआ है और उसके लिए उन्होंने यहां पिंजरा भी लगा दिया है।’’
रामपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) राजीव कुमार ने बताया कि ''पिछले तीन-चार दिन से हमारे पास सूचना आ रही है कि जमुना जमुनी गांव के आसपास तेंदुए की उपस्थिति देखी गई है। उसको देखते हुए हमने अपनी रेंजर की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है जो सुबह शाम वहां कांबिंग कर रही है। लोगों को सतर्क रहने के लिए बोला गया है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आतंक का पर्याय बने भेड़ियों के झुंड में शामिल एक भेड़िये को वन विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार को पकड़ लिया। इलाके में खौफ का कारण बने इस झुंड के हमले में अब तक सात लोगों को मौत हो चुकी है। वन विभाग द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक भेड़ियों ने 35 से अधिक गांवों के निवासियों को आतंकित कर रखा है और आज एक भेड़िया पकड़े जाने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। बयान में कहा गया है कि झुंड में शामिल दो अन्य भेड़ियों की तलाश की जा रही है, अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के प्रयासों की प्रशंसा की है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भेड़िये को सबसे पहले बुधवार रात 11 बजे ‘थर्मल इमेजिंग ड्रोन’ से देखा गया था। उन्होंने बताया, ''बृहस्पतिवार सुबह करीब पांच बजे ड्रोन से फिर से निगरानी की गई।
भेड़ियों के पैरों के निशान देखे गए और स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद पूर्वाह्न करीब 10 बजकर 45 मिनट पर सिसैया गांव में भेड़िये को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। दो अन्य भेड़ियों की तलाश अब भी जारी है।'' श्रीवास्तव ने कहा कि टीम ने भौतिक-रासायनिक स्थिरीकरण का सहारा लिया और जाल का उपयोग करके भेड़िये को सफलतापूर्वक पकड़ लिया।
'ऑपरेशन भेड़िया' के प्रभारी बाराबंकी के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) आकाशदीप बधावन ने बताया कि पकड़ा गया भेड़िया पूरी तरह से विकसित नर है। बहराइच में पिछले डेढ़ महीने में भेड़ियों के हमलों में छह बच्चों और एक महिला की मौत हुई है। इनमें ताजातरीन हमला सोमवार और मंगलवार की रात को एक गांव में हुआ था।
अधिकारियों ने कहा कि वन विभाग के अनुसार क्षेत्र में भेड़ियों की कुल संख्या के बारे में अभी अनिश्चितता बनी हुई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) संजय श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए 16 टीम काम कर रही हैं और 12 जिला स्तरीय अधिकारी भी यहां तैनात हैं।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना के निर्देश पर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा और श्रीवास्तव बुधवार को अभियान की निगरानी के लिए बहराइच पहुंचे।