UP:सत्ता के नशे में चूर बीजेपी नेता और बेटे ने की टोलकर्मी के साथ मारपीट, सीसीटीवी फूटेज आया सामने
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 1, 2018 22:51 IST2018-03-01T22:51:51+5:302018-03-01T22:51:51+5:30
कानपुर देहट के बीजेपी अध्यक्ष राहुलदेव अग्निहोत्री और उनके बेटे ने अकबरपुर में एक टोल प्लाजा कर्मचारी की जमकर पिटाई की। घटना सीसीटीवी में हुई कैद।

UP:सत्ता के नशे में चूर बीजेपी नेता और बेटे ने की टोलकर्मी के साथ मारपीट, सीसीटीवी फूटेज आया सामने
कानपुर, 1 मार्च; उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता की मनमानी टोल प्लाजा पर फिर से एकबार देखने को मिली। कानपुर देहट के बीजेपी अध्यक्ष राहुलदेव अग्निहोत्री और उनके बेटे ने अकबरपुर में एक टोल प्लाजा कर्मचारी की जमकर पिटाई की।
न्यूज ऐजेंसी एएनआई ने इस घटना की सीसीटीवी फूटेज शेयर की है। ये फूटेज 28 फरवरी की है। बीजेपी अध्यक्ष राहुलदेव अग्निहोत्री टोल पर अपना वाहन बिना शुल्क भुगतान के ले जा रहे थे। टोल कर्मचारी ने बिना टोल टैक्स दिए उनके वाहन को वहां से गुजरने से मना कर दिया था। बीजेपी नेता को यह बात हजम नहीं हुई और उन्होंने इसके बाद अपने समर्थकों के साथ वह टोल बूथ में घुस गए। उसके बाद उन्होंने टोलकर्मी की जमकर पिटाई की।
#WATCH Kanpur Dehat BJP President Rahuldev Agnihotri & his son thrashed a toll plaza employee in Akbarpur allegedly because he didn't let their vehicle pass without payment of charges (28.02.18) pic.twitter.com/nwJdgVeGBH
— ANI UP (@ANINewsUP) March 1, 2018
वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि किस तरह टोल बूथ में बीजेपी नेता और उनके बेटे के साथ ही उनके समर्थक भी मौजूद हैं। वीडियो में दिख रहा है कि बीजेपी नेता का बेटा थप्पड़ मारते दिख रहा है।
बता दें कि इससे पहले भी हाल ही में यूपी के बीजेपी विधायक के बेटे की दबंगई देखने को मिली थी। मथुरा के टोल प्लाजा के स्टाफ के साथ विधायक पूरन प्रकाश के बेटे ने टोलकर्मी के साथ मारपीट की थी। इस पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा सीसीटीवी में कैद भी था। इस घटना के बाद विधायक पूरन प्रकाश ने बेटे का बचाव करते हुए कहा था कि इसमें टोल पर काम करने वाले लोगों की ही गलती है। जब उन्हें पता था कि विधायक की गाड़ी है, तो उन्होंने उसको रोका ही क्यों। उन्होंने कहा था कि जब मेरी गाड़ी जा रही थी तो उसके मेरे सुरक्षा गार्ड की गाड़ी पहले गई थी, जिसमें साफ-साफ 'विधायक' लिखा हुआ था।