उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की कार का 28 जुलाई को एक्सीडेंट हो गया था। पीड़िता और उसके वकील महेन्द्र सिंह की हालत काफी नाजुक है। इस दुर्घटना में पीड़िता की चाची और एक रिश्तेदार महिला की मौत हो गई। घटना के बाद पीड़िता के परिजनों का कहना था कि ये सिर्फ एक रोड एक्सीडेंट नहीं था बल्कि किसी की साजिश थी। इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ( DGP) ओ.पी. सिंह ने कहा है कि इस मामले की हम निष्पक्ष जांच करेंगे लेकिन शुरुआती जांच में यही सामने आया है कि ये सिर्फ एर हादसा था। जो कि एक तेजी से आ रहे ट्रक की वजह से हुआ। हमने मामले में ट्रक के मालिक देवेन्द्र सिंह और ट्रक ड्राइवर आशीष पाल को गिरफ्तार भी कर लिया है। लेकिन फिर भी पीड़िता का परिवार इस बात की मांग करता है कि उन्हें सीबीआई जांच चाहिए तो इस केस को सीबीआई को सौंप दिया जायेगा।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ( DGP) ओ.पी. सिंह ने यह भी कहा है कि पीड़िता के सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं की गई है। उसके वाहन में जगह की कमी होने के कारण उसी ने सुरक्षाकर्मी से आग्रह किया था कि वह रायबरेली तक उसके साथ नहीं चलें।"
पीड़िता और वकील महेन्द्र सिंह को लखनऊ के ट्रामा सेंटर में लाइफ सपॉर्ट सिस्टम पर रखा गया है। इस घटना में पीड़िता चाची और एक रिश्तेदार महिला की मौत हो गई। ये घटना तब हुई जब पीड़िता अपने चाचा से मिलकर सबके साथ लौट रही थी। पीड़िता के चाचा रायबरेली के जेल में बंद हैं। उन्नाव गैंगरेप केस में बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी रह चुके हैं। हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।
जानें क्या था पूरा मामला
ये केस तब खबरों में छाया जब रेप पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्महत्या करने की कोशिश की। पीड़िता ने उस वक्त आरोप लगाया था कि मामले में यूपी की पुलिस कोई केस दर्ज नहीं कर रही है। यूपी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी। मामले के सामने आने के बाद आरोप लगाने वाली लड़की के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। लड़की के पिता की मृत्यु से पहले का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसे विधायक के भाई और अन्य द्वारा पुलिस की मौजूदगी में निर्दयतापूर्वक पीटा गया और उस पर राइफल के बट से हमला किया गया।
मामले को लेकर राज्य की सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा और उसने पिछले वर्ष अप्रैल में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उसके बाद 13 अप्रैल 2018 को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया था। सीबीआई ने चार्जशीट में पांच लोगों को रेप का आरोपी बनाया। जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके सहयोगी शशि सिंह और विधायक के भाईयों का नाम है।