नई दिल्ली, 7 अगस्त: यूपी के देवरिया जिले के शेल्टर होम केस का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस केस में एख बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार इस मसले को लेकर काफी गंभीर है। मामले में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यूपी की महिला एंव बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। सबके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, देवरिया जिले के हर एक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। अगर कोई भी अधिकारी इस गलतफहमी में होगा कि वह इससे बच के निकल सकता है, तो वह मुश्किल है। हर अधिकारियों के अलग-अलग बयान दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा, वे पार्टियां इस मामले का राजनीतिकरण कर रही , जिनके खुद के शासन में इन शेल्टर होम का विकास हुआ था। बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम और देवरिया शेल्टर होम केस को लेकर राजद, सपा और सीपीआई के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया है।
गौरतलब है कि इस मामले की योगी के द्वारा भेजी गई जांच टीम मंगलवार को रिपोर्ट पेश करने वाली है। सीएम योगी ने इसपर फौरन एक्शन लेते हुए सोमवार को डीएम और दो अन्य अधिकारियों को उनके पद से हटाने का आदेश भी दे दिया था।
घटना के सामने आने के बाद सोमवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार और एडीजी अंजू गुप्ता देवरिया के उस शेल्टर होम भी पहुंची थी। जब वहां पहुंचीं तो लड़कियों ने उनके सामने आश्रय गृह को लेकर एक के बाद एक खुलासे किए। बस्ती की एक युवती ने बताया कि यहां से लड़कियों को विदेश तक भेजा जाता था। एक लड़की ने बताया कि इनको 200-200 रुपए में बेचा जाता था।
विवार 6 अगस्त को यूपी पुलिस को जब इस संरक्षण गृह से भाग कर आई एक लड़की ने जो बताया, उसे सुन पुलिस भी हैरान थे। पुलिस ने रात में ही संरक्षण गृह पर छापा मारा तो 42 में से 18 लड़कियां गायब मिलीं। पुलिस ने 24 लड़कियों को वहां से आजाद करवा दिया है। मामले में कार्रवाई करते हुए संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय के मुताबिक, मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह नाम के एनजीओ की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं। लेकिन पुलिस ने जब रविवार रात को छापा मारा तो 18 लड़कियां वहां से गायब मिली थी। उस वक्त संरक्षण गृह में सिर्फ 26 लड़कियां ही थी।
पुलिस के मुताबिक संरक्षण गृह के खिलाफ काफी दिनों से शिकायत आ रही थी। जिसको ध्यान में रखते हुए इसकी मान्यता जून-2017 में समाप्त कर दी गई थी। सीबीआई ने भी संरक्षण गृह को अनियमितताओं में चिह्नित कर रखा है। संचालिका हाईकोर्ट से स्थगनादेश लेकर इसे चला रही है।
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