भीषण हादसे के छठे दिन उन्नाव रेप पीड़िता व वकील की हालत स्थिर, लेकिन अभी भी इस बात का है खतरा
By भाषा | Updated: August 2, 2019 15:26 IST2019-08-02T15:26:36+5:302019-08-02T15:26:36+5:30
रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। एक्सीडेंट के चार दिन बाद भी पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर है।

भीषण हादसे के छठे दिन उन्नाव रेप पीड़िता व वकील की हालत स्थिर, लेकिन अभी भी इस बात का है खतरा
सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता और उसके वकील की हालत शुक्रवार को छठे दिन स्थिर बनी हुई है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि पीड़िता अब भी वेंटिलेटर पर है और उसे बुखार है लेकिन उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। पीड़िता के वकील को अब वेंटिलेटर से हटा लिया गया है। लेकिन अभी पीड़िता को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। डॉक्टर इसी डर से उसे वेंटिलेटर से नहीं हटा रहे हैं। रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। एक्सीडेंट के चार दिन बाद भी पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर है।
डॉ. तिवारी ने 'भाषा' को बताया कि पीड़िता को बृहस्पतिवार शाम वेंटिलेटर से कुछ समय के लिए हटाया गया था लेकिन उसकी हालत खराब होने के कारण उसे दोबारा वेंटिलेटर पर रख दिया गया। पीड़िता के गले में छोटा सा छेद करके :ट्रैकियोस्टोमी: टयूब से उसे ऑक्सीजन दी जा रही है। अगर पीड़िता को ऑक्सीजन नहीं मिली तो खतरे की संभावना हो सकती है।
पीड़िता को बृहस्पतिवार रात से हल्का बुखार था, लेकिन उसकी हालत स्थिर है। पीड़िता अभी बेहोश है। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी स्थिति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को बृहस्पतिवार शाम वेंटिलेटर से हटा दिया गया था और उन्हें भी गले में छेद करके :ट्रैकियोस्टोमी: टयूब से ऑक्सीजन दी जा रही है। उनकी तबियत स्थिर है।
डॉ. तिवारी ने बताया कि जब कोई भी मरीज चार दिन से ज्यादा वेंटिलेटर पर रहता है तो उसे ऑक्सीजन देने के लिये ट्रैकियोस्टोमी विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इससे मरीज को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलती रहती है और फेंफड़ों आदि की सफाई करने में भी आसानी होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पीड़िता और उसके वकील का इलाज करने में पूरी तरह से समर्थ है और केजीएमयू के सबसे अच्छे डाक्टरों की टीम दोनों का इलाज कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि पीड़िता और वकीलों के परिजन की भी यह इच्छा है कि दोनों का इलाज लखनऊ में ही कराया जाए।