लखनऊ, 13 अप्रैल: उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बांगरमऊ सीट से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अलसुबह चार बजे हिरासत में ले लिया, जिसके बाद उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। कुलदीप सिंह सेंगर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376 ,506 और पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज है।
इधर, सीबीआई द्वारा कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में लेने के बाद पीड़िता ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें गंभीर सजा दी जानी चाहिए।'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार (12 अप्रैल) को कहा था कि नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। यूपी पुलिस ने प्रेस वार्ता में कहा था कि विधायक की गिरफ्तारी पर सीबीआई फैसला करेगी। यूपी पुलिस के डीजीपी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अभी आरोप साबित नहीं हुए हैं। डीजीपी ने कहा कि सरकार किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है। उन्नाव की रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ गुरुवार (12 अप्रैल) को एफआईआर दर्ज की गयी थी।
पढ़िए उन्नाव गैंगरेप केस में जून 2017 से अब तक कब-कब क्या-क्या हुआ
-11 जून 2017: एक दिन शुभम नाम के लड़के साथ लड़की अचानक गायब हो गई और ने शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया।-21 जून 2017: जिसके बाद जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली।-22 जून 2017: मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक गैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।-22 जुलाई 2017: पीएम को पीड़िता ने चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया।-30 अक्टूबर 2017:पीड़िता व उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालोंपर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप।-22 फरवरी 2018: उन्नाव जिला अदालत में पीड़िता ने अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।-3 अप्रैल 2018: कोर्ट से आते समय पीड़िता के परिवार पर हमला, विधायक के भाई ने की मारपीट। पुलिस ने आरोपियों की जगह पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में केस किया।-4 अप्रैल 2018: विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया।-4 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया।-9 अप्रैल 2018: चार दिन बाद सुबह पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किये गये।-10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।-11 अप्रैल 2018: उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी। एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।