उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की कार का 28 जुलाई को एक्सीडेंट हो गया। यूपी पुलिस के मुताबिक हादसा 28 जुलाई को दोपहर 1.30 बजे के आस-पास हुआ था। जिस ट्रक से गाड़ी की टक्कर हुई है वह रायबरेली से फतेहपुर की तरफ जा रहा था। ट्रक सीज कर लिया गया है। ट्रक ड्राइवर, क्लीनर, मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में ये एक्सीडेंट का मामला लग रहा है। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। साथ ही कार ड्राइवर की भी मौत हो गई है।
पीड़िता और उसके वकील महेन्द्र सिंह की हालत काफी नाजुक है। दोनों को लखनऊ के ट्रामा सेंटर में लाइफ सपॉर्ट सिस्टम पर रखा गया है। ये घटना तब हुई जब पीड़िता अपने चाचा से मिलकर सबके साथ लौट रही थी। पीड़िता के चाचा रायबरेली के जेल में बंद हैं। उन्नाव गैंगरेप केस में बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी रह चुके हैं। आइये जानें इस पूरे घटना क्रम में कब-कब क्या हुआ...
4 जून 2017: पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसका उन्नाव से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर ने उसका घर पर रेप किया था। पीड़िता ने यह भी कहा था कि वह अपने एक पड़ोसी के साथ नौकरी दिलाने में मदद के लिए विधायक के पास गई थी।
11 जून 2017: इस घटना के बाद पीड़िता लापता हो गई। परिवार वालों ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
20 जून 2017 को पीड़िता औरैया के एक गांव से मिली।
21 जून को 2017 को पीड़िता को उन्नाव लाया गया। 22 जून 2017 को पुलिस ने पीड़िता को कोर्ट में पेश किया और सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत उसका बयान रिकॉर्ड किया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बयान में विधायक का नाम नहीं लेने दिया है।
3 जुलाई 2017 को पीड़िता को उसके परिवारवालों को सौंप दिया गया। पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर वह दिल्ली चली गई। इसके बाद उसने मुख्यमंत्री दफ्तर और वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शिकायत भेजी। इसमें उसने विधायक और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ रेप केस दर्ज कराने की मांग की।
24 फरवरी 2018 को पीड़िता की मां ने उन्नाव के चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया और सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।
3 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने पीड़िता की मां की अर्जी पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई में लड़की का परिवार भी शामिल हुआ था। इसी शाम, लड़की के पिता को कथित तौर पर अतुल सिंह और उसके सहयोगी मक्खी ने बुरी तरह पीटा। लड़की के पिता को पुलिस को सौंप दिया गया, उन्होंने सेक्शन 25 के तहत मामला दर्ज कराया।
5 अप्रैल 2018 को मेडिकल जांच के बाद पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उसे फंसाया जा रहा है और विधायक के भाई ने उसे बुरी तरह पीटा है।
8 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की।
9 अप्रैल 2018 को जिला कारागर से शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में पीड़िता के पिता की मौत हो गई। इसके बाद यूपी पुलिस ने छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया। पुलिस ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी विधायक कुलदीप सेंगर के सहयोगी थे।
10 अप्रैल 2018 को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता के पिता के शरीर पर 14 जगह चोट के निशान थे।
12 अप्रैल 2018 को मामला सीबीआई को सौंपा गया और विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से रेप का आरोपी बनाया गया।
13 अप्रैल 2018 को कुलदीप सेंगर को सीबीआई ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
11 जुलाई 2018 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर का नाम था और उसके भाईयों का नाम था।
13 जुलाई 2018 को दूसरी चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, उनके भाई, तीन पुलिसकर्मी और 5 अन्य लोगों का नाम शामिल था।
3 सितंबर 2018: उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप कांड के मुख्य गवाह यूनुस की मौत के मामले में विसरा रिपोर्ट आ गई है। पुलिस के मुताबिक विसरा रिपोर्ट में मौत में जहर देने की पुष्टि नहीं हुई है। यूनुस की मौत 18 अगस्त को हुई थी। जिसके बाद पीड़िता के चाचा ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के करीबियों पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया था। यूनुस उत्राव रेप केस में सीबीआई के पांच मुख्य गवाहों में से एक था।