लखनऊः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में परिवार और रिश्तेदारों द्वारा संपत्ति पर जबरन कब्जा करने से परेशान एक बेटी ने इंसाफ के लिए पिता की बीमारी से मौत के बाद शव लेकर एसपी कार्यालय पहुंच गई और न्याय की गुहार लगाई.
पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर युवती से तहरीर ली और उसके पिता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. युवती का आरोप है कि पिता की बीमारी के दौरान परिवार के लोगों व रिश्तेदारों ने उसकी संपत्ति हड़प ली और पिता समेत उसे घर से निकाल दिया.
सदर कोतवाली के सरोसी गांव निवासी 65 वर्षीय विजय कुमार शुक्ला की सोमवार रात बीमारी से मौत हो गई. 21 वर्षीय बेटी अन्नू शुक्ला मंगलवार सुबह पिता का शव टेंपो से लेकर एसपी कार्यालय पहुंची. उसने बताया कि विजय कुमार शुक्ला ने चार साल की उम्र में पड़ोसी गांव निवासी पिता से उसे गोद लिया था. तब स्टांप पेपर पर गोदनामा भी तैयार किया गया था.
परिवार के लोग और रिश्तेदार गोद ली बेटी का संपत्ति में हक न होने की बात कहकर उसे व उसके पिता को जान से मारने की कोशिश करने लगे. 26 जुलाई 2020 को पिता को लकवा मार गया. उन्हें कानपुर के नर्सिंगहोम में भर्ती कराया. दूसरे दिन रिश्तेदार व परिवार के लोग नर्सिंगहोम पहुंचे और उससे कहीं दूर चले जाने की बात कही.
विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने पिता के घर में ताला डालने के साथ ही उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया. जान बचाने के लिए वह पिता को लेकर फतेहपुर के जहानाबाद चली गई. किराये का कमरा लेकर एक नर्सिंगहोम में इलाज कराया. मौजूदा समय में वह कानपुर के बिठूर में किराये का कमरा लेकर रह रही थी और चोरी-छिपे पिता का इलाज करा रही थी.
इस दौरान पैसे न होने पर उसने पिता के इलाज के लिए भीख तक मांगी. पहले पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई अन्नू के मुताबिक उसने जिले के साथ कानपुर, लखनऊ समेत अन्य जिलों के पुलिस अधिकारियों से मिलकर इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन उसकी फरियाद पर किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की गई.
इससे परेशान रहने के कारण सोमवार की रात पिता विजय शुक्ला की मौत के बाद इंसाफ पाने के लिए वह पिता के शव को लेकर एसपी कार्यालय पहुंची. कोतवाली थाने के प्रभारी सुधीर चंद्र पांडे ने बताया कि युवती से लिखित शिकायत ले ली गई है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.