पांच साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो लोग दोषी करार, कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

By भाषा | Updated: January 18, 2020 22:20 IST2020-01-18T22:20:55+5:302020-01-18T22:20:55+5:30

साह और कुमार ने 15 अप्रैल 2013 को गांधी नगर इलाके में लड़की से बलात्कार किया था और उसके निजी अंगों में वस्तुएं डाल दीं।

Two people convicted in gang rape of five-year-old girl, the court made strict comments | पांच साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो लोग दोषी करार, कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

पांच साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो लोग दोषी करार, कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

Highlightsअपराध करने के बाद दोषियों ने पीड़िता को मनोज के कमरे में मृत समझकर छोड़ दियाबच्ची को 40 घंटे बाद 17 अप्रैल 2013 को बचाया गया।

एक पोक्सो अदालत ने पूर्वी दिल्ली में 2013 में पांच वर्षीय बच्ची से सामूहिक बलात्कार के मामले में दो लोगों को शनिवार को दोषी ठहराते हुए कहा कि मामले ने समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर दिया था। सौ से अधिक पन्नों के फैसले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार मल्होत्रा ने मनोज साह और प्रदीप कुमार को मामले में दोषी ठहराया और कहा कि महज पांच साल की बच्ची को काफी अनैतिकता एवं अति क्रूरता बर्दाश्त करनी पड़ी।

अदालत ने दोनों को भादंसं की धारा 363 (अपहरण), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 201 (साक्ष्यों का गायब होना), 304 (गैर इरादतन हत्या), 376 (2) (सामूहिक बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और 34 तथा पोक्सो कानून की धारा छह (यौन हमला) शामिल है। इन अपराधों में अधिकतमत सजा आजीवन कारावास है। साह और कुमार ने 15 अप्रैल 2013 को गांधी नगर इलाके में लड़की से बलात्कार किया था और उसके निजी अंगों में वस्तुएं डाल दीं। अपराध करने के बाद दोषियों ने पीड़िता को मनोज के कमरे में मृत समझकर छोड़ दिया और वहां से फरार हो गए। बच्ची को 40 घंटे बाद 17 अप्रैल 2013 को बचाया गया।

बच्चों का यौन अपराध से संरक्षण (पोक्सो) अदालत ने कहा, ‘‘घटना ने समाज की सामूहिक चेतना को झकझोर डाला। हमारे समाज में छोटी बच्चियों की पूजा देवी की तरह होती है। बच्ची महज पांच साल की थी जिसे काफी अनैतिकता और अति क्रूरता का सामना करना पड़ा।’’ अदालत ने सजा की अवधि पर जिरह की तारीख 30 जनवरी तय की। पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी को न्याय मिलने पर संतोष जताया।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि सुनवाई दो वर्षों में पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन हम खुश हैं कि छह वर्ष बाद, हमें न्याय मिल गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी घर पर मेरी बेटी के साथ है... वह घटना को लगभग भूल चुकी है। हम उस जघन्य घटना और सदमे को याद नहीं करना चाहते जिससे उसे गुजरना पड़ा था। अच्छा होगा कि उसे मामले या फैसले के बारे में कुछ नहीं बताया जाए।’’

अदालत कक्ष से बाहर ले जाने के दौरान साह ने कुछ मीडियाकर्मियों पर हमला किया और एक महिला संवाददाता के चेहरे पर प्रहार किया। पत्रकार ने घटना से न्यायाधीश को अवगत कराया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। साह और कुमार को दिल्ली पुलिस ने 2013 में बिहार के क्रमश: मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिलों से गिरफ्तार किया था। आरोपपत्र उसी वर्ष 24 मई को दायर किया गया था और अदालत ने 11 जुलाई को आरोप तय किए थे।

पोक्सो अदालत में 57 गवाहों का बयान दर्ज करने में पांच वर्ष से ज्यादा का वक्त लग गया। पुलिस ने बताया था कि पीड़िता के शरीर से तीन मोमबत्तियां और बाल में लगाने वाले तेल का एक बोतल बाहर निकाला गया था जिसे चिकित्सकों ने अदालत में बयान के दौरान साबित किया था। लड़की की दिल्ली के एम्स में कई सर्जरी की गई। इस घटना के खिलाफ दिल्ली में जोरदार धरना- प्रदर्शन हुआ था।

Web Title: Two people convicted in gang rape of five-year-old girl, the court made strict comments

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