मुजफ्फरपुर ही नहीं बिहार के 14 शेल्टर होम पर TISS की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा, रेप-गर्भपात जैसे गंभीर आरोप
By पल्लवी कुमारी | Updated: August 14, 2018 10:16 IST2018-08-14T09:59:55+5:302018-08-14T10:16:14+5:30
TISS Report on Shelter Home: मुजफ्फरपुर के केस खुलासा करने वाले टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) (Tata Institute of Social Sciences (TISS) ने 100 पेज की रिपोर्ट में किए चौंकाने वाले खुलासे।

मुजफ्फरपुर ही नहीं बिहार के 14 शेल्टर होम पर TISS की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा, रेप-गर्भपात जैसे गंभीर आरोप
पटना, 14 अगस्त: मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम कांड, जहां 34 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन बालिका गृह में यौन शोषण का ये बिहार का अकेला ममाला नहीं है। मुजफ्फरपुर के केस का खुलासा करने वाले टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) (Tata Institute of Social Sciences (TISS) ने बड़ा खुलासा किया है। टीआईएसएस की सोशल ऑडिट रिपोर्ट ने पूरे राज्य में और 14 ऐसे शेल्टर होम की बात की है। जहां, यौन शोषण किया जाता है।
बिहार के 35 जिलों का रिपोर्ट
टीआईएसएस की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह भी खबर आई है कि उन शेल्टर होम में रहने वाली कई लड़कियां प्रग्नेंट हैं और कुछ के तो बच्चे भी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने टीआईएसएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि 100 पेज की रिपोर्ट है। जिसमें बिहार के 35 जिलों के 110 शेल्टर होम, शॉर्ट स्टे होम के ऑडिट के बारे में बताया गया है। खबरों के मुताबिक सरकार ये रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक कर सकती है।
रिपोर्ट का शीर्षक-'गंभीर चिंता'
टीआईएसएस की रिपोर्ट में 15 सेंटरों में शारीरिक शोषण की बात शंका जाहिर की है। 100 पेज की ऑडिट रिपोर्ट में टीआईएसएस ने खासकर मोतिहारी, मुंगेर, गया, अररिया और पटना के शेल्टर होम का जिक्र किया है। इन 15 शेल्टर होम्स में एक बालिका गृह को बृजेश ठाकुर चलाता था। इन 15 सेंटरों का जिक्र एक विशेष शीर्षक के साथ किया गया है 'गंभीर चिंता - इन सेंटरों पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है'
प्लास्टिक के बोतल में पेशाब बरामद
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 14 शेल्टरों में हमें प्लास्टिक के बोतल में पेशाब मिला है। ऐसा इसलिए, क्योंकि रात में बच्चों को ताले में बंद कर दिया जाता था। मोतिहारी में लोगों को मोटे पाइप से पीटा गया। मुंगेर में बच्चों को जेल जैसे रखा जाता है। गया में बच्चियों से अश्लील बातें लिखवाई गईं हैं। अररिया में बच्चों को पुलिसवालों ने पीटा है। पटना में दवाएं और कपड़ों का अभाव दिखा था।
अनुशासन के नाम पर यौन शोषण
ब्रिजेश ठाकुर का शेल्टर होम, जिसको उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के जरिए चलाया जाता है, का जिक्र करते हुए टीआईएसएस ने रिपोर्ट में लिखा है, 'लड़कियों के साथ यौन शोषण के मामलों में ये शेल्टर होम सबसे आगे है। सभी कम उम्र की लड़कियों और पिछड़े वर्ग से आने वाली लड़कियों के साथ सजा और अनुशासन के नाम पर यौन शोषण किया जाता था। लड़कियों ने कहा है कि पुरुष स्टाफ उनकी नियमित तौर पर पिटाई भी करते थे।'
खाना खाने के बाद वार्ड में कर दिया जाता था बंद
रिपोर्ट में शेल्टर होम में रह रही लड़कियों के हालत की बात की जाए तो उन्हें रात को भी हेल्दी खाना नहीं दिया जाता और खाना खाने के बाद उन्हें वार्ड में बंद कर दिया जाता है। वह रात पर बाथरूम भी नहीं जा सकते हैं, वह वहीं अपने कमरे में ही पेशाब करते हैं। शायद इसी वजह से शेल्टर होम्स में पेशाब से भरी हुई कई बोतलें बरामद हुई है।
इन शेल्टर होम में यौन शोषण की बात
- पटना में एैकार्द,
-मोतिहारी (सखी),
-कैमूर (ग्राम स्वराज सेवा संस्थान)
-माधेपुरा, (महिला चेतना विकास मंडल)
- मुंगेर (नॉवल्टी वेलफेयर सोसायटी)
-अररिया सेंटर,
-मुजफ्फरपुर का ओम साई फाउंडेशन,
-पटना का डोन बॉस्को टेक सोसायटी द्वारा संचालित कौशल कुटीर
- गया मेत्ता बुद्धा ट्रस्ट द्वारा संचालित सेवा कुटीर
क्या था पूरा मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था।
बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के चिकित्सकीय परीक्षण में उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह का मालिक बृजेश ठाकुर इस मामले में मुख्य आरोपी है। इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था। एक व्यक्ति फरार है।
बिहार पुलिस ने 26 जुलाई को इन आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। राज्य सरकार ने 26 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और बाद में सीबीआई ने इसकी जांच राज्य पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।