Rajkot gaming zone fire updates: राजकोट गेम जोन में आग लगने से नवविवाहित जोड़े सहित 27 लोगों की मौत, छह अधिकारी निलंबित, देखें लिस्ट
By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 27, 2024 13:45 IST2024-05-27T13:44:33+5:302024-05-27T13:45:58+5:30
Rajkot gaming zone fire updates: गुजरात सरकार ने सोमवार को राजकोट स्थित ‘गेम जोन’ में लगी आग के मामले में छह अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया।

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Rajkot gaming zone fire updates: गुजरात के राजकोट में गेमिंग जोन में आग लगने की घटना में 27 लोग मारे गए है। चार बच्चों शामिल हैं। तीन अन्य लोग झुलस गए। एक नवविवाहित जोड़े और पति की भाभी की भी जान चली गई। कनाडा में पढ़ाई कर रहे अक्षय ढोलारिया और उनकी पत्नी ख्याति स्वालिविया शनिवार शाम ख्याति की बहन हरिता के साथ राजकोट के टीआरपी गेम जोन में अपनी कोर्ट मैरिज का जश्न मना रहे थे, तभी वे भीषण आग की चपेट में आ गए। अक्षय के परिवार के सदस्यों के अनुसार, इस साल दिसंबर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों की एक भव्य शादी हुई थी।
इस घटना में उनकी जान चली गई। गौरतलब है कि शनिवार को राजकोट के एक गेमिंग जोन में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 12 साल से कम उम्र के चार बच्चों सहित कम से कम 27 लोगों की जान चली गई थी। अधिकारियों के मुताबिक मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। पुलिस ने टीआरपी गेम ज़ोन के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में ले लिया है।
गुजरात सरकार ने सोमवार को राजकोट स्थित ‘गेम जोन’ में लगी आग के मामले में छह अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। ‘गेम जोन’ में शनिवार शाम लगी भीषण आग में चार बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग झुलस गए। अधिकारियों को ‘‘आवश्यक स्वीकृति के बिना इस ‘गेम जोन’ को संचालित करने की अनुमति देकर घोर लापरवाही बरतने का’’ जिम्मेदार ठहराया गया है।
संबंधित विभागों द्वारा पारित आदेशों के अनुसार, जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एम आर सुमा एवं पारस कोठिया और पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं।
जिस ‘गेम जोन’ में शनिवार को आग लगी थी, वह आग सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना संचालित किया जा रहा था। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ‘गेम जोन’ को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। उसने आग सुरक्षा एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था।
एनओसी मिलने की प्रक्रिया जारी थी और अभी पूरी नहीं हुई थी।’’ सरकार ने छह अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई ऐसे समय में की है जब मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शनिवार को उस जगह का निरीक्षण किया था जहां आग लगी थी। उन्होंने संबंधित विभागों को ऐसी गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
‘गेम जोन’ में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘‘मानव निर्मित आपदा’’ बताया।
पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।