चंडीगढ़ः पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की रविवार को गोली मार कर हत्या कर दी। मानसा जिले में अज्ञात लोगों ने फायरिंग की। इस हादसे में तीन लोग घायल भी हो गए। मूसेवाला को कई बार धमकी मिली थीं। उन्होंने पुलिस में शिकायत की थीं।
मानसा अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ रंजीत राय ने कहा कि कांग्रेस नेता और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को मृत लाया गया था। तीन लोगों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से मूसेवाला की मौत हो गई। दोनों घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद आगे के इलाज के लिए उच्च संस्थान रेफर कर दिया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया, "पंजाब से कांग्रेस उम्मीदवार और प्रतिभाशाली संगीतकार सिद्धू मूस वाला की हत्या से कांग्रेस पार्टी और पूरे देश को गहरा धक्का लगा है। उनके परिवार, प्रशंसकों और दोस्तों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है।"
गायक को मुहैया करायी गयी सुरक्षा पंजाब सरकार द्वारा वापस लेने के एक दिन बाद यह घटना घटी। गायक पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये थे। पंजाब पुलिस ने पूर्व विधायकों, दो तख्तों के जत्थेदारों, डेरा प्रमुखों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया।
पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) ने, हालांकि शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि सुरक्षाकर्मियों को आकस्मिक कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी के सिलसिले में अस्थायी तौर पर वापस लिया जा रहा है। सुरक्षा खोने वाले सिख धर्म के प्रमुख पदाधिकारियों में बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह हैं।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ही अकाल तख्त के जत्थेदार का भी प्रभार संभालते हैं। अकाल तख्त सिखों की धार्मिक सत्ता का प्रमुख केंद्र है। जिन लोगों से पुलिस सुरक्षा वापस ली जाएगी, उनमें आनंदपुर साहिब जिले में तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, जालंधर में डेरा सचखंड बल्लां के प्रमुख संत निरंजन दास, भैनी साहिब, लुधियाना के सतगुरु उदय सिंह नामधारी, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह शामिल हैं।