फरीदाबादः कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर के बाहर हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना के बाद पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इस बीच पुलिस को हरियाणा के फरीदाबाद में विकास दुबे छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने एक होटल पर छापा मारा, जहां से उसने विकास के दो साथियों को गिरफ्तार किया है।
खबरों के अनुसार, फरीदाबाद पुलिस ने मंगलवार को बड़खल चौक पर एक ओयो गेस्ट हाउस में छापेमारी की। इस दौरान विकास दुबे नहीं मिला, लेकिन उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तार की सूचना यूपी पुलिस को दी गई, जिसके बाद यूपी एसटीएफ की एक टीम फरीदाबाद रवाना हुई है। पुलिस को शक है कि विकास दुबे दिल्ली के आस-पास छिपा हुआ है।
पुलिस ने विकास पर ढाई लाख रूपये का इनाम घोषित किया है और पूरे उत्तर प्रदेश के टोल नाकों पर उसका पोस्टर लगाने के लिए भी कहा है। पहले दुबे पर पहले पचास हजार का इनाम था जिसे बाद में बढ़ा कर एक लाख कर दिया गया और सोमवार को इसमें इजाफा कर इसे ढाई लाख रूपये कर दिया गया।
विकास दुबे को खोजने के लिए 25 टामें बनाई गईं
विकास दुबे को ढूंढने के लिए 40 पुलिस थानों की 25 टीमें लगाई गई हैं जो दिन रात पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही है। इसके अलावा कुछ टीमें दूसरे प्रदेशों को भी भेजी गई हैं। पुलिस के निगरानी दल की नजरें दुबे के करीबियों के मोबाइल पर लगातार बनी हुई हैं और उससे कोई भी नाता रखने वाला हर व्यक्ति पुलिस राडार पर है।
चौबेपुर थाने के तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना के बाद ड्यूटी में ढिलायी बरतने के लिए तीन और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने बताया कि निलंबित होने वालों में उप निरीक्षकों - कुंवरपाल, तथा कृष्ण कुमार शर्मा और कांस्टेबल राजीव हैं। ये सभी चौबेपुर थाने में तैनात थे। तीनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और अगर जांच के दौरान उनकी भूमिका या साजिश सामने आई तो उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
कानपुर के बिकरू गांव में हुआ था एनकाउंटर
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल है। घटना के बाद से पुलिस को दुबे का कोई सुराग नहीं मिला है।