श्रीनगर ग्रेनेड हमले में पुलिस ने दो हमलावरों की गिरफ्तारी का दावा किया

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 9, 2022 16:57 IST2022-03-09T16:47:14+5:302022-03-09T16:57:55+5:30

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि मोहम्मद बारिक नाम के आरोपी को पहले खानयार से गिरफ्तार किया गया था और उससे आरंभिक पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी फाजिल नबी सोफी को गिरफ्तार किया गया। ग्रेनेड हमले में दो आम नागरिकों की मौत हो गई थी, वहीं 36 लोग बुरी तरह से घायल हो गये थे।

Police claims arrest of two attackers in Srinagar grenade attack | श्रीनगर ग्रेनेड हमले में पुलिस ने दो हमलावरों की गिरफ्तारी का दावा किया

श्रीनगर ग्रेनेड हमले में पुलिस ने दो हमलावरों की गिरफ्तारी का दावा किया

Highlightsश्रीनगर के अमीराकदल इलाके में रविवार को हुए ग्रेनेड हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी हमले में मोहम्मद बारिक और फाजिल नबी सोफी नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हैग्रेनेड हमले में इस्तेमाल किए गए दोपहिया वाहन को भी एसआईटी ने जब्त कर लिया है

जम्मू: श्रीनगर के अमीराकदल इलाके में रविवार को हुए ग्रेनेड हमले के सिलसिले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। उस ग्रेनेड हमले में दो आम नागरिकों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हो गये थे।

मामले में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि मोहम्मद बारिक नाम के आरोपी को पहले खानयार से गिरफ्तार किया गया था और उससे आरंभिक पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी फाजिल नबी सोफी को गिरफ्तार किया गया।

ग्रेनेड हमले में इस्तेमाल किए गए दोपहिया वाहन को भी विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जब्त कर लिया है। आतंकी हमले के तुरंत बाद इस एसआईटी का गठन किया गया था।

ग्रेनेड हमले में इस्तेमाल किए गए दोपहिया वाहन को भी विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जब्त कर लिया है। एसआईटी की टीम ने मामले की जांच के लिए अत्याधुनिक साधनों का इस्तेमाल किया और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण, पूरे श्रीनगर शहर में सीसीटीवी के फुटेज, सेल टावर डंप विश्लेषण, आईपी डंप विश्लेषण किया और कुछ चश्मदीदों से पूछताछ के आधार पर अपराध स्थल पर घटना का रिक्रिएशन भी किया।

इस बीच श्रीनगर में ग्रेनेड हमले का विरोध करने कश्मीरी एक साथ आए। तीन दशकों ऐसा पहली बार था जब सभी सभी क्षेत्रों के कश्मीरियों ने हमले का एक साथ विरोध किया।

एक घंटे से अधिक समय तक जारी कैंडललाइट विरोध कश्मीर घाटी में एक अलग तरह का प्रदर्शन था। समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों ने लाल चौक पर कैंडल मार्च निकाला। उसके बाद घंटा घर के पास नागरिकों ने फुटपाथ पर धरना दिया और आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की।

प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए और हाथों में तख्तियां लिये हुए देखे गए जिस पर लिखा था ‘आखिर कब तक’ (जब तक हमें सहना होगा) जबकि हवा में ‘युवा बचाओ, कश्मीर बचाओ’ के नारे लगे।

वहीं तिरंगा लिए कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने दोषियों के लिए सजा की मांग की है। जबकि एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी, वहीं 20 वर्षीय राफिया नज़ीर इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, सिर में लगी गंभीर चोट के कारण राफिया ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

इस हमले में एक पुलिसकर्मी समेत कुल 36 लोग घायल हो गए थे। एक प्रदर्शनकारी का कहना था कि आज मानवाधिकार कार्यकर्ता कहां हैं? एमनेस्टी इंटरनेशनल और अन्य निकाय कहां हैं, जब दो नागरिक मारे गए और 36 अन्य घायल हो गए।

वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी परवेज अहमद ने सवाल किया, “जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों की हत्या पर प्रकाश डालता है, तो जब आतंकवादी नागरिकों को मारते हैं तो चुप क्यों रहते हैं? या हमें यह अनुमान लगाना चाहिए कि जब नागरिकों को निशाना बनाया जाता है तो यह उनके लिए स्वीकार्य होता है?"

एक अन्य प्रदर्शनकारी साजिद यूसुफ ने कहा कि वे न्याय की गुहार लगाने के लिए एकत्र हुए थे। उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी हिंसा से बाहर आना चाहते हैं और युवा कार्यकर्ताओं के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस तरह के कार्य के खिलाफ आवाज उठाएं।"

Web Title: Police claims arrest of two attackers in Srinagar grenade attack

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