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पटना आसरा गृह: संचालिका मनीषा दयाल की JDU-RJD नेताओं के साथ तस्वीर वायरल

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 13, 2018 13:51 IST

पटना के आसरा गृह में दो लड़कियों की संदेहास्पद मौत के बाद वहां रहने वाली अन्य लड़कियों का भी मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है।

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पटना, 13 अगस्त: पटना शहर के राजीवनगर थाना अंतर्गत नेपाली नगर में संचालित एक आश्रय गृह में एक लड़की सहित दो महिलाओं की संदिग्ध मौत होने का मामले से हड़कंप मच गया है। मामला सामने तब आया, जब समाज कल्याण विभाग सहित जिला प्रशासन के इसकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस मामले में आश्रय गृह संचालक और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ कर रही है।

डीएम कुमार रवि ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। सूत्रों के मुताबिक ये युवतियां किस बीमारी से  ग्रसित थीं, इस संबंध में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। एक युवती नसीमा उर्फ बबली का पोस्टमार्टम फिर कराया जा रहा है, जबकि दूसरी युवती पूनम भारती का पोस्टमार्टम कराने के तत्काल बाद आनन-फानन में दाह-संस्कार करा दिया गया। पूनम की उम्र 18 वर्ष और नसीमा उर्फ बबली उम्र  40 वर्ष थी। 

नेताओं के साथ कोई भी तस्वीर ले सकता है

इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीर वायरल हो रही है, जिसने हड़कंप मचा दिया है। आसरा गृह की संचालिका मनीषा दयाल की बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक (जेडयू),पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम (RJD) और आजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर वायरल होने के बाद आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र और कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने बयान दिया है कि नेताओं के साथ कोई भी तस्वीर ले सकता है। इससे कुछ साबित नहीं होता है। 

अचानक तबीयत खराब होने से मौत!

इससे पहले समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया था कि गत 10 अगस्त की शाम में उक्त आश्रय गृह में रह रही दो महिलाओं (उम्र 17 और 40 साल) की तबीयत अचानक खराब (एक को डायरिया और दूसरे को बुखार) होने पर अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण कामत ने उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज भेजा था।

पटना मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद के उक्त कथन पर कि उन महिलाओं को अस्पताल मृत लाया गया था, राजकुमार ने कहा कि इसकी पटना के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा विभाग के दो अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण राकेश और विनोद द्वारा जांच की जा रही है।

एक का नहीं हो पाया अंतमि संस्कार 

उन्होंने बताया कि उन लड़कियों को अस्पताल ले जाने वाले वाहन चालक ने उन्हें पीएमसीएच जीवित अवस्था में ले जाने की बात बतायी है। राजकुमार ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम कल किया गया था उनमें एक लड़की जिसकी उम्र 17 साल थी उसका अंतिम संस्कार अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण कामत और उक्त आश्रय गृह को संचालित करने वाली संस्था अनुमाया द्वारा कर दिया गया था जबकि दूसरी के धर्म के बारे में पता नहीं होने के कारण उसका अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है।

इलाज में लापरवाही की बात आ रही है सामने 

उन्होंने बताया कि जांच के अनुसार रिपोर्ट प्राप्त होने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले में पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज द्वारा उक्त आश्रय गृह जाकर जांच की गयी है।

उन्होंने बताया कि शुरूआती जांच में आश्रय गृह में रहने के दौरान दोनों महिलाओं के इलाज में लापरवाही बरते जाने की बात सामने आ रही है और यदि यह सिद्ध होता है तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा है कि वहां रह रही लड़कियों और महिलाओं की देखभाल के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

दोबार होगा  शव का पोस्टमार्टम

खान ने बताया कि जिस महिला का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है उसके शव का पोस्टमार्टम फिर से मेडिकल बोर्ड द्वारा कराये जाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त आश्रय गृह से जुडे़ लोगों ने दोनों महिलाओं की मौत होने की सूचना न तो राजीवनगर थाने और न ही पीएमसीएच के करीब के थाना पीरबहोर को दी तथा दोनों शवों का कल पोस्टमार्टम कराकर उसमें से एक का आनन फानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया।

खान ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को यह भी जांच करने को कहा गया है कि आश्रय गृह के संचालन के लिए जिम्मेदार लोगों ने पुलिस को दोनों की मौत की इत्तला क्यों नहीं दी और इसे पुलिस से क्यों छुपाया तथा पोस्टमार्टम कराकर उसमें से एक का आनन फानन में अंतिम संस्कार क्यों कर दिया।

उल्लेखनीय है कि गत 10 अगस्त को ही उक्त आश्रय गृह से तीन लड़कियां फरार हो गयी जबकि फरार होने की कोशिश कर रही एक अन्य लडकी की शिकायत पर आश्रय गृह के पड़ोस में रह रहे बनारसी नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उक्त लड़की ने उस व्यक्ति पर छेड़छाड़ करने तथा प्रलोभन देकर भगाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। राजकुमार ने बताया कि बिहार में इस तरह के तीन आश्रय गृह हैं जहां मानसिक तौर पर बीमार लड़कियों और महिलाओं को रखा जाता है।

(भाषा इनपुट)

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