निर्भया के दोषी अक्षय की पत्नी दिल्ली में कोर्ट के बाहर हुई बेहोश, पति को फांसी से बचाने के लिए चला था 'तलाक' कार्ड
By पल्लवी कुमारी | Updated: March 19, 2020 14:35 IST2020-03-19T14:35:54+5:302020-03-19T14:35:54+5:30
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

तस्वीर स्त्रोत- ANI और AFP
नई दिल्ली: निर्भया 2012 दिल्ली गैंगरेप मामले के दोषी अक्षय सिंह की पत्नी पुनीता देवी जिन्होंने बिहार की अदालत में तलाक की याचिका दायर की है। आज (19 मार्च) पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर बेहोश हो गईं। उनका नर्वस ब्रेकडाउन हुआ और वो बेहोश होकर गिर गईं। अक्षय ने अपनी पत्नी पुनीता से तलाक लेने के लिए अर्जी डाली थी, लेकिन पुनीता सुनवाई में नहीं पहुंचीं। अब माना जा रहा है कि ये सब फांसी को टालने के लिए किया जा रहा था।
Delhi: Punita Devi, wife of Akshay (a convict in the 2012 Delhi gang-rape case) who has filed a divorce petition in a Bihar court, appeared to have a nervous breakdown and fainted outside Patiala House Court complex, earlier today. pic.twitter.com/DTDBKCd8oB
— ANI (@ANI) March 19, 2020
कोर्ट ने कहा- चारों के पास कानूनी राहत पाने का कोई रास्ता नहीं बचा
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत ने कोई याचिका लंबित नहीं है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।
पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।
बिहार की अदालत ने निर्भया मामले के दोषी की पत्नी की तलाक याचिका पर सुनवाई टाली
19 मार्च को बिहार में औरंगाबाद की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों में से एक की पत्नी की याचिका पर सुनवाई 24 मार्च को टाल दी। याचिका में यह कहते हुए तलाक मांगा गया है कि वह ‘‘एक बलात्कारी की विधवा’’ नहीं कहलाना चाहती। याचिकाकर्ता पुनीता देवी के वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल अक्षय सिंह से आखिरी बार मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो गई है। इसके बाद यहां पारिवारिक अदालत ने सुनवाई टाल दी। अक्षय सिंह को शुक्रवार को फांसी होनी है। उसके वकील ने यह भी कहा कि सिंह को फांसी होने तथा उसके अंतिम संस्कार के बाद याचिकाकर्ता के लौटने की संभावना है। अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए कहा कि मामले में सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता का शारीरिक रूप से मौजूद रहना आवश्यक है। पुनीता देवी कहती रही है कि उसका पति ‘‘निर्दोष’’ है और तलाक याचिका से अटकलें लगाई जा रही है कि यह मौत की सजा में देरी करने की ‘‘चाल’’ है।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले के बार में जानें?
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। एक और आरोपी नाबालिग था। जिसे कार्रवाई के बाद सुधार गृह में भेज दिया गया।
इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। दोषियों की फांसी की सजा अबतक तीन बार टाली जा चुकी है।