पटना, 29 जुलाईः बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में लड़कियों के यौन शोषण मामले की जांच सीबीआई ने संभाल ली है। पिछले दिनों नीतीश सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी। सीबीआई ने केस संभालते ही शेल्टर होम के कर्मचारियों के खिलाफ लड़कियां का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण करने का केस दर्ज कर लिया है। केस दर्ज होने के बाद डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और कई अहम सबूत हासिल किए हैं। शेल्टर होम के एक कमरे से 63 दवाएं और ड्रग्स के रैपर बरामद किए हैं। इसके अलावा बच्चियों के कपड़े और एक कंप्यूटर भी बरामद किया गया है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित बालिका अल्पवास गृह यौन शोषण कांड में आंकड़े और भी ज्यादा भयावह हो गये हैं। बालिका गृह की 42 में से 34 बच्चियों से बलात्कार की बात सामने आई है। मुजफ्फरपुर एसएसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि अब तक 34 बच्चियों से रेप की पुष्टि हुई है। जबकि अभी और रिपोर्ट आनी बाकी है।
यहां बता दें कि पहले 29 बच्चियों से रेप की बात पुष्ट हुई थी। हालांकि, बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका अल्पवास गृह की बालिकाओं के यौन उत्पीडन मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे दिये हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में नया और हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया है। बालिका गृह में काम करने वाली महिला कर्मचारी न केवल रेप में साथ देती थीं बल्कि खुद भी बच्चियों का यौन शोषण करती थीं।
बताया जाता है कि बच्चियों के यौन शोषण मामले में महिला कर्मचारियों की मिलीभगत बेहद आम थी। 15 साल की लडकी ने बयान दिया है कि ब्रजेश सर द्वारा रेप किया गया था। जिसमें सभी स्टाफ की मिलीभगत थी। एक 10 साल की बच्ची ने बताया है कि आंटी किरण, चंदा, नीलम और हेमा आदि ही उन्हें ब्रजेश के कमरे में जाकर सोने को बोलती थीं और किसी से मिलने की बात कहा करती थी। ये सभी मारपीट के साथ गलत काम की बात किया करती थीं।
संवाद्दाता एस.पी. सिन्हा से इनपुट्स लेकर
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