बालिका अल्पवास गृह दुष्कर्म कांड को राज्यपाल ने बताया मानवता के लिए कलंक, CM नीतीश कुमार को लिखा पत्र
By एस पी सिन्हा | Updated: August 1, 2018 20:50 IST2018-08-01T20:50:10+5:302018-08-01T20:50:10+5:30
बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग बच्चियों के साथ रेप करते थे। इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी।

बालिका अल्पवास गृह दुष्कर्म कांड को राज्यपाल ने बताया मानवता के लिए कलंक, CM नीतीश कुमार को लिखा पत्र
पटना,1 अगस्त:बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका अल्पवास गृह दुष्कर्म कांड को लेकर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखा है राज्यपाल ने इस मामले में पत्र लिखकर चिंता जताई है। उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले को हृदयविदारक और मानवता के लिए कलंक बताया है।
राज्यपाल ने पत्र के माध्यम से सीएम को कई सुझाव भी दिए। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फपुर बालिका गृह यौन शोषण के मामले ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अनुशंसा की सराहना की है। राज्यपाल ने बालक-बालिका और महिलाओं के उत्पीडन के मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का सुझाव दिया है।
इसी के साथ राज्यपाल ने बालक-बालिका गृह और नारी अल्पावास के सतत मॉनिटरिंग का भी सुझाव दिया है। उन्होंने इन गृह के सुधार के लिए बुद्धिजीवियों की राय को भी आमंत्रित किया है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में उचित कदम उठाएगी ताकि बालक बालिका गृह, नारी अल्पावास गृह में रहने वाले लोग गुणवत्ता पूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। राज्यपाल ने केंद्रीय विधि न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी इस संबंध में अपने सुझाव से अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही 44 लड़कियों में 42 की मेडिकल जांच कराये जाने पर उनमें से 34 के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है। मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की 'कोशिश' टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया था। करीब 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार, पटना और जिला प्रशासन को भेजा। इसके बाद बालिका गृह से 46 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया। इनको पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया।
बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग बच्चियों के साथ रेप करते थे। इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी। मामले में ब्रजेश ठाकुर, बालिका गृह की अधीक्षिका इंदू कुमारी समेत 10 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार दिये गये हैं और कुर्की की कार्रवाई की जा रही है।