अरबी पढ़ाने वाले शिक्षक ने नाबालिग छात्रा को दिखाई अश्लील तस्वीरें, फिर किया मास्टरबेट, कोर्ट ने दी ये सजा
By विनीत कुमार | Updated: August 25, 2021 13:42 IST2021-08-25T13:42:12+5:302021-08-25T13:42:12+5:30
शिक्षक को एक साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। पीड़ित लड़की को दस हजार रुपये में से आठ हजार रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया गया है।

नाबालिग लड़की को अश्लील तस्वीरें दिखाने के मामले में सजा (फाइल फोटो)
मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने 30 साल के एक शिक्षक को कथित तौर पर नाबालिग बच्ची को अश्लील तस्वीरें दिखाकर हस्तमैथुन करने के दोष में एक साल जेल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के तहत कोर्ट ने यह फैसला दिया।
आरोपों के मुताबिक 30 अगस्त 2016 को शिक्षक ने छात्रा को अश्लील सामग्री दिखाई थी। उस समय छात्रा की उम्र 5 वर्ष थी। लड़की के चाचा ने तब उसे अरबी सीखने के लिए शाम साढ़े पांच बजे शिक्षक के घर छोड़ दिया था।
इसके बाद शाम को पिता बच्ची को घर ले गए। जब वह घर गई, तो उसकी मां ने उससे पूछा, "उसने क्या सीखा?" हालांकि बच्ची की बात सुनकर मां हैरान रह गई। लड़की ने अपनी मां से कहा कि शिक्षिक ने उसे अश्लील फोटो दिखाकर कुछ किया और फिर अपने गुप्तांगों को साफ किया।
मुंबई के चेंबूर थाने में मामला हुआ दर्ज
अगले ही दिन मां ने पिता को इस बारे में सूचित किया और फिर चेंबूर थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शिक्षक का फोन जब्त कर लिया। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद शिक्षक ने ये दावा किया कि वह निर्दोष है। उसने यह भी आरोप लगाया कि लड़की के माता-पिता उसकी फीस का भुगतान नहीं करने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक गीता शर्मा ने अदालत को बताया कि लड़की को दिखाए गए वीडियो और तस्वीरें अश्लील हैं। आरोपी यह नहीं बता सका कि भला लड़के के माता-पिता उसे क्यों फंसा रहे होंगे।
गीता शर्मा ने साथ ही कोर्ट को बताया इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लड़की के माता-पिता ने फीस का भुगतान नहीं किया।
इस मामले में जज भारती काले ने कहा कि ऐसी घटनाएं लड़कियों की शिक्षा को प्रभावित करती हैं। इसके बाद उन्होंने शिक्षक को एक साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पीड़ित लड़की को दस हजार रुपये में से आठ हजार रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया गया है।