लखनऊ: जिस मदरसे में तालिम दी जाती है, उसी ने पढ़ने वालों के पैरों को बेड़ियों से जकड़ दिया था। इल्म का इदारा ऐसा भी हो सकता है किसी ने ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा।
जी हां, लेकिन ये सच है और ये खौफनाक मंजर सामने आया है गोसाईंगंज शिवलर स्थित सुफ्फामदीनतुल उलमा के मदरसे में, जहां पढ़ने वाले छात्र बेड़ियां में जकड़ा पाया गया।
इस अमानवीय हरकत का खुलासा तब हुआ, जब बीते शुक्रवार को मदरसे के जुल्म से फरार होकर दो छात्र वहां से भाग निकले और सीधे अपने गांव पहुंचे।
ग्रामीणों ने मालूम बच्चों के पैर को बेड़ियों से बंधे देखा तो उनकी रूह कांप गई। जब उन्होंने छात्रों से पूछा कि यह सब किसने किया है तो छात्रों ने सीधे मदरसे के टीचर पर आरोप लगाया कि वो उन्हें बेरहमी से पिटते थे और हर वक्त जंजीर में बांधे रहते थे।
इसके बाद गांववालों ने फौरन इस मामले में की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने लड़कों को फौरन थाने पर लाने को कहा। उसके बाद ग्रामीणों का एक समूह लड़को को लेकर सीधे गोसाईंगंज थाने पहुंचा, जहां पुलिस ने अपनी आखों से लड़कों पर हुए जुल्म को देखा और उनसे पूछताछ की लेकिन लड़कों के परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिलने पर मदरसे के टीचर के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं कायम किया।
मामले में गोसाईंगंज पुलिस का कहना है कि जब लड़कों के परिजन ही मदरसे के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की बात कह रहे हैं तो हम किस आधार पर तहरीर दर्ज करें, अगर इस मामले में कोई शिकायत दर्ज करता है तो निश्चित ही मदरसे के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित छात्रों में से एक गोसाईंगंज रनियामऊ निवासी शेरा का बेटा शहबाज है और दूसरे छात्र का नाम राजू बताया जा रहा है, जो बाराबंकी जरमामऊ का रहने वाला है। दोनों बच्चे मदरसे के टीचर के जुल्म के कारण शुक्रवार को फरार हो गये और जंजीर बंधे पैरों से सीधे अपने गांव पहुंचे।
मंजर इतना खौफनाक था कि जिस जंजीर से पैरों के बांधा गया था, उसमें ताला भी लगा हुआ था। शहबाज और राजू बेड़ियों में जकड़े हुए गांव के पास पहुंच कर रो रहे थे। ग्रामीणों की पूछताछ मेों उन्होंने बताया कि सुफ्फामदीनतुल उलमा मदरसे के टीचरों ने उन्हें इस हालत में पहुंचा दिया है।
इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की जानकारी गोसाईंगंज के इंस्पेक्टर शैलेंद्र गिरि को दी, जिन्होंने शहबाज के पिता शेरा को इस बात की सूचना दी। जिसके बाद शेरा थाने पहुंचा। थाने पहुंचने पर शेरा ने जंजीर में जकड़े शहबाद के प्रति कोई दया नहीं दिखाई बल्कि उल्टे पुलिस वालों से कहा कि शहबाज का तालीम में बिल्कुल भी मन नहीं लगता है, इसलिए वो पहले भी दो बार मदरसे से भाग चुका है। इसलिए उन्होंने ही मदसरे से शहबाज के साथ सख्ती बरतने के लिए कहा था।
इसके साथ ही शेरा ने पुलिस से यह भी कहा कि चूंकि उन्होंने खुद सख्ती के लिए कहा था लिहाजा मदरसे के टीचरों पर कोई कारर्वाई न की जाए। शेरा की तरह बाराबंकी के रहने वाले राजू के पिता ने भी पुलिस ये यही दरख्वास्त की, जिसके बाद पुलिस ने मदरसे के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दर्ज की।