लखनऊ, 29 सितम्बर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान कथित तौर पर वाहन नहीं रोकने पर एक पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी द्वारा चलायी गयी गोली लगने से एक व्यक्ति विवेक तिवारी की मौत की वारदात को गम्भीरता से लेते हुए आज कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी करायी जाएगी। पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी को घटना के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। उधर योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं।
सिपाही प्रशांत चौधरी का कहना है, 'मैंने उसे गोली नहीं मारी है, वो गलती से लग गई थी, उसने कहा कि मृतक ने अपनी गाड़ी से मुझे दो बार टक्कर मारी लेकिन जब तीसारी बार टक्कर मारी तो मुझे गोली चलाना पड़ा।' सिपाही प्रशांत चौधरी ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि सीएम योगी के कहने पर उसकी प्राथमिकी पंजीकृत नहीं की जा रही है।
पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने यह भी कहा, ऐसा कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि हमारा मामला पंजीकृत नहीं होगा। क्या हमारे जीवन का कोई मूल्य नहीं है ?
वारदात के बाद अस्पताल में भर्ती हुए गोली चलाने वाले कांस्टेबल प्रशांत ने बताया कि उसे गश्त के दौरान एक संदिग्ध गाड़ी दिखी, जब वह उसके पास गया तो गाड़ी अचानक स्टार्ट हो गयी और आगे खड़ी हमारी गाड़ी को दो-तीन बार टक्कर मारी। रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद गाड़ी नहीं रुकी और मुझ पर चढ़ गयी। इस पर मैंने आत्मरक्षा में गोली चला दी।
राजनाथ सिंह ने सीएम योगी से की बात
इस मामले में अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम योगी ने तलब की है। उन्होंने सीएम योगी के साथ-साथ डीजीपी से भी बात की है। गृह मंत्री ने मामले में जल्द से निष्पक्ष जांच के लिए बोला है।
विवेक की पत्नी ने सीएम योगी को लिखा पत्र
विवेक तिवारी की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर इंसाफ की मांग की है। कल्पना में चिट्ठी में लिखा, 'मेरे पति की हत्या की जांच पुलिस से ना करवा कर सीबीआई द्वारा करवाई जाए ताकि न्याय मिल सके।' इसके अलावा उन्होंने पुलिस विभाग में एक नौकरी और कम से कम एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है।'
कल्पना ने सीएम योगी से सख्त सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे पति को गोली मारने का अधिकार किसने दिया। सीएम योगी मेरे सामने आएं और जवाब दें।' मृतक विवेक के जीजा विष्णु शुक्ला ने भी हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'क्या वो आतंकवादी थे जो पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। हमने योगी आदित्यनाथ को अपना प्रतिनिध बनाया है। इसलिए हम चाहते हैं कि वो मामले का संज्ञान लें। साथ निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करते हैं।'
सीएम योगी ने कहा- जांच कराई जाएगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे। प्रथम दृष्ट्या दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आवश्यकता पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे।
बहरहाल, जिला पुलिस ने मामले की जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की है। साथ ही जिलाधिकारी से इसकी मजिस्टेरियल जांच का आदेश देने का आग्रह किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह हत्या का मामला है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की गवाह सना खान को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही है।
जानें क्या है पूरा मामला
विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया। कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।
सना खान की शिकायत के मुताबिक शुक्रवार रात वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थी। गोमतीनगर विस्तार के पास गाड़ी खड़ी थी तभी दो पुलिस वाले आए। विवेक ने दरकिनार करते हुए बचकर निकलने की कोशिश की। सना ने आरोप लगाया कि इस दौरान कॉन्स्टेबल ने बाइक दौड़ाकर विवेक पर गोली चला दी। गाड़ी की विंडशील्ड तोड़ते हुए गोली विवेक के गले में जा धंसी।
इसके बाद विवेक की कार अंडरपास के पिलर से जा टकराई। इससे भी गहरी चोटें आई हैं। आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टन के लिए भेज दिया गया है। इस हाई प्रोफाइल केस पर पुलिस के आला-अधिकारियों की नजर बनी हुई है।
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने यहां बताया कि सना खान नामक महिला ने आज सुबह मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी (38) के साथ कार से घर जा रही थीं । रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी । तभी सामने से दो पुलिसकर्मी आये, तो उन्होंने (गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ते हुए उनसे) बच निकलने की कोशिश की। इस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और जब वह नहीं रूके तो उन्होंने गोली चला दी । इस कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकरायी।
उन्होंने बताया कि कार के जोर से टकराने की वजह से विवेक को सिर में चोट आयी और काफी खून बहने लगा। सना ने मदद मांगी, कुछ ही देर बाद आयी पुलिस ने विवेक को अस्पताल पहुंचाया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गयी। वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता था ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है जब कार मौके पर खड़ी थी, तो कुछ संदिग्ध गतिविधि महसूस होने पर पुलिस ने पूछताछ की कोशिश की। इस पर कार अचानक आगे बढ़ी और पुलिस की मोटरसाइकिल से टकरा गयी। गाड़ी जब पीछे होने के बाद फिर आगे बढ़ रही थी तो कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने गोली चला दी, जो विंडशील्ड से होती हुई तिवारी को लग गयी। उन्होंने बताया कि कांस्टेबल और उसके साथी पुलिसकर्मी संदीप के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)