केरल नन रेप केस के आरोपी बिशप फ्रांको मुलक्कल की जमानत को कोट्टायम कोर्ट ने बढ़ा दी है। कोर्ट ने मामला छह जनवरी 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। 54 वर्षीय मुलक्कल को केरल नन रेप केस के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी मुलक्कल पर साल 2014 और 2016 के बीच एक नन से बार-बार बलात्कार करने और उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।
इस मामले की न्याय के गुहार के लिए नन पीड़िताओं ने भारत में वेटिकन के प्रतिनिधियों को 7 पन्ने का पत्र लिखा था। ये पत्र आठ सितंबर 2018 को लिखा गया था। पीड़िता नन ने सात पेज के पत्र में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ सारी सच्चाई खोलकर रख दी थी। नन ने पत्र में बताया था कि किस तरह 2014 से 2016 तक उसका आरोपी बिशप ने शारीरिक उत्पीड़न किया।
पत्र में पीड़िता ने बताया था कि बिशप दूसरी नन के साथ भी ऐसे ही व्यवहार करता था। वेटिकन को लिखे पत्र में नन ने उनके साथ किए गए हैवानियत की पूरी कहानी बताई थी। पीड़िता ने बताया कि कैसे आरोपी ने उन्हें और उनके समर्थकों को चुप कराने की कोशिशें की गईं। खबरों के मुताबिक ये बात पहले भी सामने आ चुकी थी कि किस तरह बिशप पर नन और उनके समर्थकों को पैसे और संपत्ति देकर पूरे केस को दबाने की कोशिश की गई थी। वेटिकन सिटी के पोप दुनियाभर में सबसे बड़े ईसाई धर्मगुरू हैं। यह पत्र मंगलवार को मीडिया को उपलब्ध हुआ था।
पीड़िता नन ने वेटिकन को ये पत्र तीसरी बार लिखा था। इससे पहले वह 2018 के 25 जनवरी और 25 जून को भी पत्र लिख चुकी हैं। लेकिन पिछले दो खतों का वेटिकन ने कोई जवाब नहीं दिया था तो फिर निराश होकर नन से तीसरी बार पत्र लिखा था। पत्र में यह भी बताया गया कि किस तरह वह सबके पास मदद मांगने के लिए गई थी लेकिन सबने मदद से साफ इनकार कर दिया था।