फरीदाबाद: उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ (Kanpur Shootout) मामले का मास्टरमाइंड गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) को यूपी पुलिस खोजने में लगी है। इसी बीच पुलिस को बुधवार को लीड मिली कि विकास दुबे फरीदाबाद में छिपा बैठा है। ये बात सच भी निकली। फरीदाबाद में विकास दुबे पुलिस के हाथे आते-आते बच गया। फरीदाबाद में एक मिठाई वाले की दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज विकास दुबे कैद हुआ है। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि वह काले रंग की शर्ट, जींस और मास्क पहना हुआ है। उसके कंधे पर एक बैग भी है।
एनबीटी ने अपनी रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज का हवाला देकर लिखा है कि फुटेज में विकास दुबे रोड पर खड़ा ऑटो का इंतजार करता दिख रहा है। मिठाई की एक दुकान के सामने खड़ा विकास करीब पांच मिनट तक रोड पर खड़ा था। उसने देख लिया था कि मिठाई की दुकान पर कैमरा लगा है इसलिए वहां से हट गया मगर उसकी तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हो गई। पहले दो ऑटो ने उसे नहीं बिठाया। तीसरे ऑटो में वह बैठा और चला गया।
फरीदाबाद के जिस इलाके में विकास दुबे को देखा गया वहां के एक शख्स ने एक चैनल से बातचीत में दावा किया है कि पुलिस ने विकास दुबे को देखा था मगर वह उसे पहचान नहीं सकी थी।
फरीदाबाद होटल में पहचना छिपाकर रुका था विकास दुबे
फरीदाबाद के बदखल चौक इलाके में स्थित एक छोटे होटल में विकास दुबे रुका हुआ है। होटल के स्टाफ ने बातचीत में मीडिया को बताया है कि विकास अपनी पहचान अंकुर के रूप कराई थी। पुलिस की टीम जैसे ही होटल पहुंची विकास वहां निकल चुका था। फरीदाबाद से विकास के कुछ साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दिल्ली-एनसीआर में विकास दुबे की तलाश जारी है।
जानें कानपुर शूटआउट में क्या हुआ?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम ने दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि (एक से डेढ़ बजे के करीब) को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने पहुंची। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। जिसमें पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए।