रांची,1 अगस्त: झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले में आज पुलिस ने आठ नक्सलियों को गिरफ्तार किया। खूंटी पुलिस ने हथियार के साथ आठ पीएलएफआई उग्रवादियों को अडकी थानाक्षेत्र के कुलबुरू जंगल से गिरफ्तार किया गया। तलाशी में इनके पास से एक कार्बाइन, एक डीबीएल गन, गोलियां, मोबाइल और पिट्ठू बरामद हुए हैं।
एसपी अश्विनी सिन्हा ने कहा कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआई का एक दस्ता कुलबुरू के जंगल के पास गतिविधि कर रहा है। इस सूचना के आधार पर जिला पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने जंगल के इलाके में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान इन आठ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया।
एसपी के मुताबिक दस्ते का कमांडर दीतनाग को गिरफ्तार नहीं किया जा सका क्योंकि वो छापेमारी से ठीक पहले मौके से निकल गया था। हालांकि उसकी भी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है। गिरफ्तार उग्रवादियों से भी पूछताछ की जा रही है। इसबीच, झारखंड के पुलिस महानिदेशक ने नक्सलियों को सलाह के रूप में सख्त चेतावनी दी है कि इससे पहले कि पुलिस की गोली उनका जीवन समाप्त कर दे, वे सरेंडर कर दें।
डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि देश और समाज के दुश्मनों को 6 इंच छोटा कर दिया जायेगा। उन्होंने दोहराया कि दिसंबर, 2018 तक झारखंड से नक्सलवाद का खात्मा कर देंगे। जवानों को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस ने नक्सलवाद के खात्मा के लिए 200 स्मॉल एक्शन टीमें बनाई थीं। अब ऐसी 500 टीम बनाने की योजना है।
डीजीपी ने माओवादियों को देश का दुश्मन करार देते हुए जवानों से कहा कि वे उनके खिलाफ युद्ध करें। डीजीपी ने नक्सलियों को सलाह दी कि अपनी जान बचाने के लिए जंगलों की खाक छानने की बजाय वे सरेंडर करें और अपने घरों को लौट जायें। अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बितायें।
पुलिस उन लोगों की दुश्मन नहीं है जो आम शहरी की तरह जीवन बिताना चाहते हैं। असहाय गरीब लोगों की आड लेकर पुलिस पर हमला करने वाले और हिंसा के मार्ग पर चलने वालों को पुलिस बर्दाश्त नहीं करेगी। डीके पांडेय ने संताल परगना के दुमका जिला में विजयपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) की 35वीं बटालियन के मुख्यालय में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवायेंगे। किसी प्रकार की कंजूसी नहीं करेंगे। इस अवसर पर गोपीकांदर में नक्सलियों के खिलाफ चलाये गये ऑपरेशन में शामिल जिला पुलिस और एसएसबी के जवानों को प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देकर डीजीपी ने सम्मानित किया।