गुजरात: राजकोट का दिल दहलाने वाला, दंपति ने 'बलि' देने के लिए अपना सिर काटा, फिर अग्नि कुण्ड में गिराया
By विनीत कुमार | Updated: April 17, 2023 14:32 IST2023-04-17T14:27:28+5:302023-04-17T14:32:51+5:30
गुजरात के राजकोट से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को चौंका दिया है। अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक दंपति ने खुद को मार दिया। दोनों ने अपने सिर एक गिलोटिन जैसे यंत्र से काटे और ऐसी व्यवस्था कर रखी थी कि वह कटते ही एक अग्रि कुण्ड में जा गिरा।

प्रतिकात्मक तस्वीर (फोटो- एएनआई)
राजकोट: गुजरात के राजकोट में 38 साल के एक शख्स और उसकी पत्नी द्वारा खुद का सिर काटकर उसे 'हवन कुण्ड' में डालकर आत्महत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पति-पत्नी ने कथित तौर पर कुछ अनुष्ठान अपने खेत में किए थे और धारदार हथियार को वहां कुछ इस तरह लगाया हुआ था वो उनके गर्दन पर गिरा और फिर कटा हुआ गर्दन कुण्ड में जल रहे आग में चला गया।
पुलिस ने हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया है कि दोनों किसी अंधश्रद्धा या काले जादू की कोशिश के तहत कोई अनुष्ठान कर रहे थे। पुलिस को गुजराती में हाथ से लिखा एक सुसाइड नोट जरूर मिला है। इसमें कहा गया है कि वे खुद को जान से मार रहे हैं और इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जाए।
दोनों की पहचान हेमू मकवाना और उसकी पत्नी हंसा मकवाना (35) के तौर पर हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों के शव सबसे पहले इनके दो बच्चों- 13 साल के बेटे और 12 साल की बेटी ने रविवार सुबह देखे जब वे पास के गांव में स्थित अपने मामा के घर से लौटे।
विंछिया पुलिस थाने के सब-इंस्पेक्टर इंद्रजीतसिंह जडेजा ने बताया कि शवों को फॉरेंसिक पोस्टमॉर्टम के लिए राजकोट सिविल अस्पताल भेज दिया गया है।
पति-पत्नी ने खुद को कैसे मारा, पुलिस ने बताई पूरी कहानी
विंछिया गांव के सब-इंस्पेक्टर इंद्रजीतसिंह जडेजा ने कहा कि दंपति ने रस्सी से बंधे गिलोटिन जैसे यंत्र (सिर काटने के का एक प्राचीन यंत्र) के सामने अपना सिर डालने से पहले पहले एक अग्नि वेदी तैयार की होगी। उन्होंने कहा, 'जैसे ही उन्होंने रस्सी को छोड़ा, एक लोहे का ब्लेड उन पर गिर गया, जिससे उनके सिर कट गए, और वो आग की चपेट में आ गया।'
जडेजा ने कहा कि दोनों ने इसे इस तरह से इसे अंजाम दिया कि उनके सिर कटने के बाद आग में लुढ़क कर चले जाएं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक इसे शनिवार रात और रविवार सुबह के बीच अंजाम दिया गया। दंपति के परिवार के सदस्यों ने कहा कि दोनों पिछले एक साल से हर दिन झोपड़ी में ऐसी कुछ पूजा कर रहे थे।