गया के महाबोधि मंदिर परिसरः आतंकवादी समूह जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के 8 आतंकी दोषी, जानें सबकुछ
By एस पी सिन्हा | Updated: December 10, 2021 21:58 IST2021-12-10T21:56:11+5:302021-12-10T21:58:34+5:30
Gaya's Mahabodhi Temple Complex: पैगंबर शेख, अहमद अली, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफिजुर रहमान और आरिफ हुसैन को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया है।

जनवरी 2019 में पूरक आरोप पत्र दायर किया गया। विशेष अदालत 17 दिसंबर को आठ दोषियों को सजा सुनाएगी।
पटनाः राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को आतंकवादी समूह जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ आतंकवादियों को 2018 में बोध गया के महाबोधि मंदिर परिसर में आईईडी लगाने का दोषी करार दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एनआईए के अधिकारी ने कहा कि पैगंबर शेख, अहमद अली, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफिजुर रहमान और आरिफ हुसैन को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि मामला मंदिर परिसर और उसके आसपास तीन आईईडी लगाने से संबंधित है। अधिकारी ने कहा कि कालचक्र मैदान के गेट नंबर पांच पर पाया गया पहला आईईडी निष्क्रिय किये जाने दौरान फट गया था। एनआईए अधिकारी ने कहा कि श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों से दो और आईईडी बरामद किए गए थे।
अधिकारी के अनुसार दोषियों ने दलाई लामा और बिहार के राज्यपाल की यात्रा के दौरान मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने एक-दूसरे से संपर्क किया, एक साथ यात्रा की, साजिश रची और विस्फोटक खरीदे, इन तीनों आईईडी को तैयार कर 19 जनवरी, 2018 को मंदिर परिसर में लगाया।
एनआईए अधिकारी ने कहा कि मामले में सितंबर, 2018 में आरोप पत्र दायर किया गया था। इसके बाद जनवरी 2019 में पूरक आरोप पत्र दायर किया गया। विशेष अदालत 17 दिसंबर को आठ दोषियों को सजा सुनाएगी।