देश भर में साइबर क्राइम का खौफ, झारखंड में अपराधियों ने 8 महीने में 431 लोगों को ठगा
By एस पी सिन्हा | Updated: October 5, 2018 19:40 IST2018-10-05T19:40:35+5:302018-10-05T19:40:35+5:30
सबसे ज्यादा निशाना मध्यप्रदेश के 240 लोगों को बनाया गया। अभी एक साइबर अपराधी की गिरफ्तारी के बाद उसके पढ़े-लिखे सहयोगियों के गैंग का खुलासा हुआ, जिसने साढे सात करोड़ से अधिक की ठगी की है।

देश भर में साइबर क्राइम का खौफ, झारखंड में अपराधियों ने 8 महीने में 431 लोगों को ठगा
रांची,5 अक्टूबर:झारखंड के साइबर अपराधियों से देश का हर राज्य खौफजदा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 22 दिसंबर 2017 से 31 अगस्त 2018 तक महज आठ माह में 19 राज्यों के 431 लोगों को झारखंड के साइबर अपराधियों ने ठगा है। सबसे ज्यादा निशाना मध्यप्रदेश के 240 लोगों को बनाया गया। अभी एक साइबर अपराधी की गिरफ्तारी के बाद उसके पढ़े-लिखे सहयोगियों के गैंग का खुलासा हुआ, जिसने साढे सात करोड़ से अधिक की ठगी की है।
वहीं, आंध्र प्रदेश के 98 और महाराष्ट्र के 33 लोगों को निशाना बनाया गया। मामले में 19 राज्यों की पुलिस ने ई-मेल के जरिये झारखंड पुलिस को शिकायत भेजी है। इस पर कार्रवाई करते हुए झारखंड पुलिस ने 278 मामलों की जांच कर संबंधित राज्यों को रिपोर्ट भेजी है, जबकि 153 मामलों की जांच अभी लंबित है। झारखंड में सबसे ज्यादा साइबर अपराधी देवघर और जामताड़ा जिले के हैं।
देवघर में 126, जामताडा में 90, गिरिडीह में 56, धनबाद में 48 व दुमका में 36 साइबर अपराधी पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है। राज्य के 24 जिलों में से 22 जिले में साइबर अपराधी मौजूद हैं। ऐसे कुल 410 साइबर अपराधी हैं, जिन्होंने दूसरे राज्यों के 431 लोगों को अपना शिकार बनाया है। इसबीच, साइबर अपराध पर अंकुश लगाने में जुटी धनबाद पुलिस को एक बार फिर बडी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के बैरकपुर नॉर्थ से राकेश साव उर्फ बिट्टू नामक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया। उसके पास से 88 हजार रुपये और अलग-अलग बैंकों के 84 पासबुक जब्त किए गये। इन खातों में लगभग 7 करोड 40 लाख की रकम जमा है।
धनबाद एसएसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि साइबर अपराधियों के गैंग में लगभग 20 लोग शामिल हैं, जो पश्चिम बंगाल के अलग-अलग जिलों से देशभर में लोगों के अकाउंट से ऑनलाइन रुपए उडा रहे हैं। इस गैंग में पॉलिटेक्निक, आईटीआई व इंजीनियरिंग के छात्र भी शामिल हैं। बिट्टू दुर्गापुर में इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक में अध्ययनरत छात्रों का गिरोह बना रखा है, जो साइबर क्राइम करता है।
गैंग के सदस्य बैंक अधिकारी बन घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। बैंक खातों से की गई अवैध निकासी की राशि का बिट्टू विभिन्न बैंक एकाउंट के माध्यम से ट्रांजेक्शन करने का काम करता था। एसएसपी मनोज रतन चोथे ने बताया कि छापेमारी में बिट्टू के पास से 84 विभिन्न बैंकों के पासबुक और 20 चेक के अलावा 88.5 हजार रुपए नकद मिले हैं। बिट्टू के गैंग में 20 की संख्या में पढाई करने वाले छात्र शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में 1 करोड रुपए का अवैध ट्रांजेक्शन सामने आया था, लेकिन यह राशि 7।5 करोड से अधिक हो सकती है। अभी कुछ बैंक खातों की जांच की गई है। बाकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
धनबाद पुलिस ने इस सिलसिले में एसआईटी का गठन किया है। जो साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने का काम करेगी। एसएसपी ने बताया कि पूरे गैंग का मास्टरमाइंड राकेश साव ही है। वह मूलरूप से बिहार के लखीसराय जिले का रहने वाला है। फिलवक्त पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में अपना ठिकाना बनाए हुए था। एसएसपी के मुताबिक राकेश बैंक खातों को भाड़े पर लेता है। उसके बदले खाता धारक को राशि देता है। पुलिस अब ऐसे खाताधारकों को भी गिरफ्तार करेगी।
साइबर क्राइम के मामले में यह धनबाद का अबतक का सबसे बडा मामला है। वहीं साइबर ठगी के एक दूसरे मामले में पुलिस ने धनबाद के बैंक मोड थानाक्षेत्र में एक शख्स को गिरफ्तार किया। यह शख्स अपने अकाउंट को बंद कराने के लिए बैंक पहुंचा था। काफी दिनों से बंद अकाउंट में अचानक एक लाख रुपया ट्रांसफर हुआ था। बैंक के अधिकारी को शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद शख्स की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार शख्स के खाते में रोहिणी, दिल्ली के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हुआ था। इस सिलसिले में दिल्ली में भी साइबर ठगी का मामला दर्ज है।