नई दिल्लीः कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए देश को 17 मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान एक नाई को बाल काटने के लिए मना करना महंगा पड़ा गया और अपनी जान तक गंवानी पड़ गई। मामला बिहार के बांका जिले के मेनवा गांव का है, जहां नाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने ग्रामीणों के बाल काटने से मना कर दिया था।
दिनेश ठाकुर की पत्नी मुसो देवी द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, ग्रामीण उस पर दबाव बना रहे थे कि वह लॉकडाउन के दौरान भी उनके बाल काटे और दाढ़ी बनाए। इसी बीच शनिवार को दिनेश ठाकुर को एक युवक बिपिन दास ने बुलाया। अगले ही दिन उसका शव गांव के तालाब में मिला और उसके दो गोलियां लगने के निशान थे।
अमरपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी कुमार सनी ने बताया कि मुख्य आरोपी बिपिन दास फरार है। हमने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हम घटना के बारे में अधिक जानने के लिए ग्रामीणों से बात कर रहे हैं।
इधर, बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि प्रदेश के 38 में से किसी भी जिले को ग्रीन जोन में नहीं रखा गया है और लोगों से घरों में ही रहने की अपील की। इसके साथ ही पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि आवश्यक एवं सरकारी सेवाओं से जुड़ी गतिविधियों को देख कर यह अंदाजा नहीं लगाएं कि लॉकडाउन में किसी प्रकार की छूट दी गई है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आने वाले कुछ दिन बहुत अधिक महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं क्योंकि बड़ी संख्या में लोग बाहर से अपने घरों को लौट रहे हैं और उनमें से बहुत से ऐसे भी हो सकते हैं जो अनजाने में कोरोना वायरस लेकर आ रहे हों। अगर हम अपने को बचाते हैं तो हम बिहार को बचायेंगे।
बिहार के गृह विभाग ने सभी जिलों को ऑरेंज जोन एवं रेड जोन में रख दिया था। हालांकि छह जिलों- मुजफ्फरपुर, खगड़िया, किशनगंज, सहरसा, सुपौल एवं जमूई- में कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है। पिछले एक पखवाड़े में कुल संक्रमितों की संख्या करीब 100 से बढ़कर प्रदेश में 500 को पार कर गई है और समस्तीपुर जिले जैसे कई जिलों में पिछले हफ्ते पहला मामला सामने आया।