मध्य प्रदेश के चित्रकूट में 12 फरवरी को पांच साल के दो जुड़वा भाइयों का स्कूल बस से अपहरण कर लिया गया था। 11 दिन बाद यूपी के बांदा में बबेरू घाट पर मासूमों का शव बरामद हुआ है। इस हत्याकांड से दो सूबों में हड़कंप मच गया है। इस बीच पुलिस ने खुलासा किया है कि किडनैप में इस्तेमाल बाइक में नंबर प्लेट की जगह 'राम राज्य' लिखा था। इसके अलावा कार में बीजेपी का झंडा लगा था। चित्रकूट में लोगों में आक्रोश है जिसके बाद शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। इएसपी सतना संतोष कुमार गौर ने बताया कि इस घटना में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक आरोपी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था।
रीवा के आईजी चंचल शेखर ने कहा कि इस मामले का मुख्य आरोपी पद्म शुक्ला है। अन्य आरोपी के नाम हैं- रामकेश, पिंटा यादव, राकेश द्विवेदी, आलोक सिंह और विक्रमजीत सिंह। आईजी ने बताया कि मुख्य आरोपी का छोटा भाई विष्णुकांत बजरंग दल का क्षेत्र समन्वयक है लेकिन उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस के मुताबिक इस वारदात में कार और बाइक का इस्तेमाल किया गया। बाइक पर प्लेट नंबर की जगह राम राज्य लिखा था और कार में बीजेपी का झंडा लगा था। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने बच्चों को 21 फरवरी को ही मार दिया था।
फिरौती देने के बाद भी हत्या
पुलिस के मुताबिक पांच वर्षीय श्रेयांस और प्रियांश चित्रकूट धाम में रहते थे। उनके पिता तेल के व्यापारी हैं। 12 फरवरी को दोनों बच्चे मध्य प्रदेश में आने वाले चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ने गए थे। तभी बदमाशों ने बंदूक की नोक पर बच्चों का किडनैप कर लिया।
अपहरणकर्ताओं ने 50 लाख की फिरौती की मांग की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिता ने 20 लाख रुपये दे दिए थे लेकिन इसके बावजूद 11 दिन बाद बच्चों की लाश हाथ लगी। मासूम बच्चों के शरीर की हालत बता रही थी कि उनके साथ हैवानियत की गई है।
पुलिस की बड़ी नाकामी
यह मामला यूपी और एमपी दोनों राज्यों से जुड़ा था। दोनों राज्यों की पुलिस ने मामले के लिए 26 टीमें गठित की थी जिसमें कई आलाधिकारी भी शामिल थे। लेकिन बच्चों की मौत पुलिस की नाकामी पर मुहर लगा दी है।
सीएम कमलनाथ ने क्या कहा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पीड़ित बच्चों के पिता से बात की है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे की राजनीति को भी बेनकाब किया जाएगा। पुलिस खुलासा कर रही है कि वाहन में किस पार्टी का झंडा लगा था। विपक्ष डरा हुआ है क्योंकि इस मामले में उनके लोग शामिल हैं।
विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरा
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि वो इस घटना से स्तब्ध हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश में कानून व्यवस्था अब इससे ज्यादा क्या बिगड़ेगी? लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी डरेंगे।