प्रेम विवाह करने की खौफनाक सजा, 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, जानें पूरा मामला
By भाषा | Updated: October 4, 2019 15:52 IST2019-10-04T15:52:32+5:302019-10-04T15:52:32+5:30
पुलिस अधिकारी ने बताया तीनों दलित युवकों के परिवार के सदस्यों को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। साथ ही गांव में मुनादी करवा दी गई कि परिवार से गांव में जो भी बात करेगा उसे भी दस हजार रुपये का दंड देना होगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में प्रेम विवाह करने वाले तीन युगल के परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने के आरोप में पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जिले के कोसीर थाना क्षेत्र के प्रभारी जे.आर.चौहान ने शुक्रवार को यहां बताया कि क्षेत्र के कपिस्दा गांव में एक ही परिवार के दो युवक संजय लहरे और सोहन लहरे ने गांव की हेमलता जाटवर और पूर्णिमा भारद्वाज से तथा अन्य युवक गौतम जाटवर ने भाठागांव निवासी त्रिशला सुमन से पारिवारिक रजामंदी से प्रेम विवाह किया था।
चौहान ने बताया कि गांव के पनतराम ने इसे सामाजिक परंपराओं के विरुद्ध बताया और सामाजिक बैठक बुलाई थी। बैठक में सामाजिक पंचायत को दो दो लाख रुपये जुर्माना देने की शर्त पर युगलों को समाज में मिलाने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि जब युगलों ने इस निर्णय को नहीं माना, तब गांव में सर्व समाज की बैठक की गई।
बैठक में युगलों को समाज में शामिल करने के लिए उनसे तीन - तीन लाख रुपये लेने की व्यवस्था दी गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन लाख रुपये नहीं देने पर तीनों दलित युवकों के परिवार के सदस्यों को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। साथ ही गांव में मुनादी करवा दी गई कि परिवार से गांव में जो भी बात करेगा उसे भी दस हजार रुपये का दंड देना होगा।
चौहान ने बताया कि इस संबंध में घसिया लहरे की लिखित शिकायत पर सामाजिक बहिष्कार करने वाले सात प्रमुख लोगों के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 384, 34 और सिविल संरक्षण अधिनियम 1955 की धारा सात (ख) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने कपिस्दा गांव की सरपंच के पति श्यामलाल साहू, दाऊलाल साहू, महादेवा जाटवर, रघुवर साहू, कौशल साहू, मथुरा लहरे और रामकृष्ण जाटवर तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।