Chamoli Court: चमोली की एक जिला अदालत ने दस साल की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी व्यक्ति को बुधवार को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। चमोली के विशेष जिला सत्र न्यायाधीश बिन्ध्याचल सिंह ने आरोपी पिता को पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत ने बताया कि अदालत ने जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि पॉक्सो अधिनियम के नियम 9 व धारा 33(8) एंव उत्तराखंड में अपराध से पीड़ित सहायता योजना 2013 के प्रावधान के तहत राज्य सरकार को पीड़िता को तीन लाख रुपये प्रतिकर के रूप में देने का आदेश भी दिया गया है और यह भुगतान निर्णय की तिथि से 30 दिन के अंदर करना होगा।
पंत ने बताया कि मामला दो साल पहले का है जब पीड़िता और उसका परिवार जोशीमठ तहसील में किराये के कमरे में रहता था। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां के गांव जाने के दौरान पिता ने बेटी से दुष्कर्म किया और तीन दिन बाद गांव गई पीड़िता के गुमसुम रहने पर उसकी मां ने उससे कारण पूछा तो घटना के बारे में पता चला।
उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां ने पिता से पूछताछ की तो वह उसे मारने लगा। पंत ने बताया कि सितंबर 2022 में पिता के विरुद्ध जोशीमठ थाने में मामला दर्ज कराया गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा पेश किए गए तथ्यों को सही पाते हुए न्यायालय ने पिता को दोषी ठहराया है।
उत्तर प्रदेश में दहेज से जुड़े हत्या मामले में पति और सास-ससुर को आजीवन कारावास
मैनपुरी की एक स्थानीय अदालत ने दहेज से जुड़े हत्या के मामले में आरोपी तीन लोगों को दोषी करार देते हुए बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाया। अभियोजन पक्ष के वकील राकेश गुप्ता ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश जहेंद्र पाल सिंह ने वर्ष 2018 में दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर निशा नामक विवाहिता की हत्या के जुर्म में उसके पति सत्येंद्र, ससुर उपदेश चौहान और सास मीना देवी को सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पीड़िता निशा के भाई स्वतंत्र प्रताप सिंह ने तीन अक्टूबर 2018 को कुर्रा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
गुप्ता के मुताबिक शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 23 नवंबर, 2017 को शादी के बाद निशा के पति, ससुर और सास मीना उसे दहजे में कार और दो लाख रुपये नकद धनराशि देने की मांग करते हुए मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। शिकायत के अनुसार मांग पूरी नहीं होने पर तीनों ने एक अक्टूबर 2018 को निशा पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई।