सूरजकुंड के जंगल से बरामद लाश के टुकड़े क्या श्रद्धा वालकर के हैं? दिल्ली पुलिस क्या करवाएगी डीएनए जांच? जानें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 25, 2022 04:08 PM2022-11-25T16:08:40+5:302022-11-25T16:28:16+5:30
श्रद्धा वालकर हत्याकांड में कई अहम सबूत अभी भी नहीं मिले हैं। दिल्ली पुलिस को श्रद्धा का सिर अभी तक बरामद नहीं हुआ है। वहीं लाश को टुकड़े करने में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद नहीं हुए हैं।
फरीदाबादः यहां के सूरजकुंड के एक वन क्षेत्र में एक सूटकेस में कटा शव मिला है। शव के ऊपर का हिस्सा गायब है। लाश मिलने के बाद फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया है। फरीदाबाद पुलिस का कहना है कि अगर दिल्ली पुलिस DNA टेस्ट कराना चाहेगी तो नमूने अलग रखे जाएंगे।
फरीदाबाद पुलिस के पीआरओ सूबे सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि किसी व्यक्ति की हत्या कहीं और की गई है और शव का एक हिस्सा यहां फेंका गया है ताकि उसकी शिनाख्त न हो पाए। सूबे सिंह ने बताया कि शव को प्लास्टिक की थैली और बोरी में लपेटा गया था। सूटकेस के पास से कपड़े और एक बेल्ट बरामद हुई है। आसपास के पूरे वन क्षेत्र को सील कर दिया गया है। आगे की जांच चल रही है
फरीदाबाद के सूरजकुंड के एक वन क्षेत्र में एक सूटकेस में शव मिला है। शव के ऊपर का हिस्सा गायब है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि किसी व्यक्ति की हत्या कहीं और की गई है और शव का एक हिस्सा यहां फेंका गया है ताकि उसकी शिनाख्त न हो पाए: सूबे सिंह, PRO, फरीदाबाद पुलिस (24.11) pic.twitter.com/vogtExJVUi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2022
गौरतलब है कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड में कई अहम सबूत अभी भी नहीं मिले हैं। दिल्ली पुलिस को श्रद्धा का सिर अभी तक बरामद नहीं हुआ है। वहीं लाश को टुकड़े करने में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद नहीं हुए हैं।
गुरुवार को आरोपी आफताब पूनेवाला का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। रोहिणी में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में श्रद्धा वालकर की हत्या मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की पॉलीग्राफी जांच का दूसरा सत्र जारी है।
आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही उसका नार्को टेस्ट कराया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि पूनावाला का नार्को टेस्ट सोमवार को किए जाने की संभावना है। पॉलीग्राफी जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। वहीं, नार्कों जांच में व्यक्ति की आत्मचेतना को कम कर दिया जाता है ताकि वह खुलकर बोल पाए।
गौरतलब है कि पूनावाला ने अपनी सह जीवन साथी वालकर (27) की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी तथा उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे और उन्हें करीब तीन सप्ताह तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था। पूनावाला को उसके भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए कई परीक्षणों से गुजरना होगा। यदि प्रारंभिक जांच में उसे ठीक नहीं पाया जाता है तो नार्को विश्लेषण नहीं किया जा सकता है।