बिहार: बौद्ध बच्चों के यौन शोषण मामले में चौंकाने वाले खुलासे, रखा जाता था सेक्स वर्कर बनाकर, कराया जाता था ये काम

By एस पी सिन्हा | Updated: August 31, 2018 20:18 IST2018-08-31T20:18:41+5:302018-08-31T20:18:41+5:30

जांच में यह पाया गया है कि शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से लाया जाता था।

Bodh Gaya Alleged Sexual Abuse Of Children update, boys treated like sex worker | बिहार: बौद्ध बच्चों के यौन शोषण मामले में चौंकाने वाले खुलासे, रखा जाता था सेक्स वर्कर बनाकर, कराया जाता था ये काम

बिहार: बौद्ध बच्चों के यौन शोषण मामले में चौंकाने वाले खुलासे, रखा जाता था सेक्स वर्कर बनाकर, कराया जाता था ये काम

पटना, 31 अगस्त:  बिहार के बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था के संचालक बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था। उन्हें जबरन वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के साथ न्यूड डांस कराया जाता था। 

त्रिपुरा और असम के थे ज्यादा बच्चे 

जांच में यह पाया गया है कि शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को खास किस्म की ट्रेनिंग के नाम पर देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से लाया जाता था। ज्यादातर बच्चे इनमें त्रिपुरा और असम से होते थे। यही नहीं, कुछ बाल भिक्षुओं को यहां से कोलकाता और अन्य जगहों पर अलग-अलग क्लाइंट्स के पास भेजा जाता था। यौन शोषण मामले के खुलासे के बाद पटना से गया पहुंची एफएसएल की टीम बच्चों से अप्राकृतिक यौनाचार का साक्ष्य जुटा रही है। वहीं, मस्तीपुर स्थित बुद्धिष्ट मेडिटेशन सेंटर में यौनाचार उत्पीडन का मामले सामने आने के बाद इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल सख्त हो गया है। 

अपराधी को सजा मिलनी चाहिए

बीटीएमसी में काउंसिल के सदस्यों ने आपात बैठक कर बाल लामाओं के साथ हुए यौनाचार उत्पीडन की निंदा की। काउंसिल के सचिव प्रज्ञादीप ने कहा कि यौनाचार उत्पीडन के मामले के आरोपित बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया को इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल से कोई लेना देना नहीं है। वह काउंसिल का सदस्य नहीं है। वह स्वतंत्र संस्था चलाता था। इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल के सदस्य बनने के लिए टेम्पल होना जरूरी है। सचिव प्रज्ञा दीप ने कहा कि अपराधी कोई भी हो सकता है। चाहे वह बौद्ध भिक्षु के रूप में ही क्यों न हो। अपराधी को सजा मिलनी चाहिए। काउंसिल ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करेगा। प्रशासन को हर संभव सहयोग किया जाएगा। 

कोर्ट में दर्ज हुआ बयान 

वहीं, बौद्ध शिक्षा पा रहे सभी 32 बच्चों का आज कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया गया है। इसके बाद इन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया जायेगा। कमेटी से मिले निर्देश के बाद बच्चों को परिजनों के हवाले किया जायेगा। यहां बता दें कि बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना ज्योति बुद्धिष्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में बौद्ध शिक्षा के नाम पर नाबालिग बच्चों से अप्राकृतिक यौनाचार का खुलासा हुआ है। परिजनों के साथ असम जा रहे 15 नाबालिगों ने पुलिस को दिये बयान में संस्था संचालक भंते संघ प्रिया पर शारीरिक व यौन शोषण, मारपीट, भोजन नहीं देने का आरोप लगाया है। इस मामले में भंते को कल जेल भेज दिया गया था। वहीं, बच्चों का कहना है कि पढाई में थोडी-सी भी गलती पर बाल बौद्ध भिक्षुओं को नंगा करवाया जाता था।

Web Title: Bodh Gaya Alleged Sexual Abuse Of Children update, boys treated like sex worker

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