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बिहार के जमुई जिले में सामने आया पंचायत का तालीबानी फरमान, अवैध संबंध के शक में महिला-पुरुष की पीट-पीटकर कर दी गई हत्या, दिया आत्महत्या का शक्ल

By एस पी सिन्हा | Updated: May 13, 2020 15:39 IST

पंचायत के फरमान के बाद ग्रामीणों ने अवैध संबंध रखने के आरोप में पूर्व पंचायत समिति सदस्य सहित दो को पीट-पीटकर मार डाला.

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ठळक मुद्दे पंचायत का तालीबानी फरमान के बाद दो लोगों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. इस घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

पटना: बिहार के जमुई जिले चकाई थाना की पोझा पंचायत के अंतर्गत सिकटिया गांव में अवैध संबंध को लेकर पंचायत का तालीबानी फरमान के बाद दो लोगों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि इस घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि पंचायत के फरमान के बाद ग्रामीणों ने अवैध संबंध रखने के आरोप में पूर्व पंचायत समिति सदस्य सहित दो को पीट-पीटकर मार डाला.

प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना सात मई की है. वहीं इस संबंध में एसपी डॉ. इनामुल हक मेग्नुका कहना है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अपने स्‍तर से पता लगवाते हैं. सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी है. चकाई थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. वह पता करवाने का प्रयास कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि पोझा पंचायत व सकटिया गांव के पूर्व पंचायत समिति सदस्य कानू राम हांसदा और लोबन किस्कू का गांव की ही एक महिला से अवैध संबंध था. इसकी भनक लगते ही ग्रामीणों ने दोनों को आगाह किया था. बावजूद ये नहीं माने. इसे लेकर आदिवासियों की पंचायत बुलाई गई. पंचायत में आसपास के गांव जोगिया, नन्हीयां और रहिमा गांव के भी दो-चार प्रमुख लोगों को बुलाया गया था.

बताया जाता है कि पंचायत के आदेश के बाद जब दोनों की पिटाई शुरू हुई, तो आसपास के गांवों से पहुंचे लोग भाग खड़े हुए. इसके बाद इसे आत्महत्या साबित करने के लिए दोनों शवों को पेड से लटका दिया गया. बाद में ग्रामीणों ने दोनों शवों को जला दिया. इस मामले में मुखिया अवध किशोर शर्मा ने कुछ भी बोलने से परहेज किया है. उनका कहना है कि आदिवासियों की पंचायत में बाहरी लोगों को नहीं बुलाया जाता है. इस घटना दोनों घरों में मातम है. दबी जुबान ग्रामीणों ने आत्महत्या की बात स्वीकार की. आदिवासियों के सख्त कानून के डर से कोई भी ग्रामीण कुछ बताने को तैयार नहीं है. मौत की सूचना मिलने पर पूर्व पंचायत समिति सदस्य कानू राम हांसदा की ससुराल चिहरा गांव से आए रिश्तेदार वहां पर मौजूद थे. इसे लेकर परिजनों ने थाना में कोई मामला दर्ज नहीं कराया है. घटना हत्या या आत्महत्या की हो, इसे छिपाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने बताया कि लॉकडाउन में बहुत संवाद नहीं मिल पाता है. इसकी जानकारी नहीं मिली है. मामले की जानकारी लेकर वह अपने स्तर से इसकी जांच कराएंगे.

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