Bihar: पीएफआई के टेटर मॉड्यूल केस में एनआईए ने कोर्ट में दायर किया सप्लीमेंट्री चार्जशीट
By एस पी सिन्हा | Published: August 4, 2023 05:10 PM2023-08-04T17:10:46+5:302023-08-04T17:12:32+5:30
आरोप पत्र बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले मोहम्मद तनवीर उर्फ मोहम्मद तनवीर, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद बेलाल और मोहम्मद इरशाद आलम के खिलाफ एनआईए विशेष अदालत में दायर किया गया है।
पटना: पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के टेटर मॉड्यूल केस में एनआईए ने कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया है। एनआईए ने इस मामले में चार और लोगों को आरोपी बनाया है। ये सभी मोतिहारी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि ये चारों आरोपी अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए विदेश से फंड इकट्ठा कर रहे थे। ताजा आरोप पत्र बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले मोहम्मद तनवीर उर्फ मोहम्मद तनवीर, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद बेलाल और मोहम्मद इरशाद आलम के खिलाफ एनआईए विशेष अदालत में दायर किया गया है।
चारों आरोपी पीएफआई कैडर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था करके हिंसक आपराधिक कृत्यों की योजना बना रहे थे और पीएफआई की विचारधारा और हिंसक उग्रवाद के एजेंडे का प्रचार कर रहे थे। उन पर आईपीसी, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 और शस्त्र अधिनियम, 1959 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। पीएफआई की गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में अब तक चार आरोपियों सहित कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पीएफआई सदस्यों/आरोपी व्यक्तियों को विदेशों से अवैध धन पहुंचाना।
एनआईए की जांच के अनुसार, मोहम्मद इरशाद आलम आपराधिक सिंडिकेट का सदस्य है, जो अन्य पीएफआई कैडरों के साथ, आतंक फैलाने के इरादे से एक विशेष समुदाय के युवक पर हमला करने और उसे मारने से संबंधित आपराधिक साजिश में शामिल था। मोहम्मद तनवीर और मोहम्मद आबिद के पास घृणा अपराध को अंजाम देने के लिए पहले से ही आतंकी हार्डवेयर था और उन्होंने इसे गिरफ्तार आरोपियों में से एक याकूब खान को सौंप दिया था। याकूब हथियारों और रणनीति का पीएफआई मास्टर ट्रेनर है और उसने प्रतिबंधित संगठन की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कई हथियार प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए थे।
बता दें कि पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के टेरर मॉड्यूल का पिछले साल खुलासा हुआ था। इस मामले को लेकर पटना के फुलवारी शरीफ थाने में 26 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी संख्या 827/2022 दिनांक 12 जुलाई 2022 के रूप में दर्ज किया गया था। इसे 22 जुलाई 2022 को एनआईए द्वारा अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद बिहार के विभिन्न जिलों समेत पूरे देश में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों पर दबिश दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई को पूरे देश में प्रतिबंधित कर दिया था।