पटनाः बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बावजूद रोजाना कई मामले दर्ज किये जा रहे हैं और बडे़ पैमाने पर लोग भी भेजे जा रहे हैं. इस बीच अदालत के एक ऐसा फैसला दिया है, जिसकी सर्वत्र चर्चा हो रही है.
मधुबनी जिले के झंझारपुर कोर्ट ने आज परंपरा से हटकर फैसला सुनाया. इसमें पांच गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की शर्त पर एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) की कोर्ट ने एक बंदी को तीन शर्तों पर सशर्त जमानत दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार शराबबंदी के मामले में जेल में बंद एक आरोपित को कोर्ट ने जमानत तो दे दिया, लेकिन इसके लिए अनोखा शर्त उसके सामने रखा.
एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) की अदालत ने नीतीश कुमार नाम के एक शराब तस्कर को जिन शर्तों पर जमानत दी है उसमें पहली शर्त है कि बंदी अब से शराब बंदी कानून का पूरी तरह पालन करेगा. वहीं दूसरी शर्त है कि पांच गरीब परिवार के बच्चों को तीन माह तक आरोपित नि:शुल्क शिक्षा दिलाएगा. तीन महीने बाद उनके परिवार से लिखित प्रमाण-पत्र लेकर कोर्ट में जमा करना है.
प्रमाणपत्र में अंकित होगा कि उनके बच्चे को आरोपित ने तीन महीने तक नि:शुल्क शिक्षा दिलाया है. जिसके बाद बंदी ने इसपर हामी भरी और जज ने उसके जमानत याचिका को मंजूरी दे दी. जज के इस फैसले की लोग प्रशंसा कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पूरा मामला शराब के धंधे से जुड़ा हुआ था. इसमें मधेपुर थाना में थाना के चौकीदार के आवेदन पर 16 नवंबर 2020 को एक केस दर्ज किया गया था.
जिसमें जमानत मामले से जुडे़ बंदी नीतीश कुमार यादव को भी आरोपित बनाया गया था. इसमें कुछ अन्य लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि वे लोग अपने अन्य साथियों के साथ गाडी व बाइक से शराब ले जा रहे थे.
ग्रामीणों की सूचना पर इन लोगों को पचही काली मंदिर से कुछ दूर बाद चौकीदार ने अपने साथ के साथ रोका था, किन्तु शराब धंधेबाजों ने पिस्तौल निकाल कर हवाई फायरिंग करते हुए जान मारने की धमकी देते हुए वहां से भागने में सफल हो गए थे.
वादी का आरोप है कि एक बाइक को नीतीश कुमार यादव चला रहा था. इस मामले में आरोपित नीतीश कुमार यादव बीते 16 नवंबर से जेल में बंद है. एडीजे कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा नीतीश की जमानत अर्जी दाखिल की गई थी.