बिहारः नीतीश सरकार में बालू घोटाला, परिवहन विभाग ने बाइक, ई रिक्शा से ढो दिया 355 करोड़ का बालू, सीएजी रिपोर्ट में खुलासा
By एस पी सिन्हा | Updated: December 17, 2022 16:58 IST2022-12-17T16:56:48+5:302022-12-17T16:58:22+5:30
बिहारः 11 जिला खनन कार्यालय औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर, गया, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास, सीवान और वैशाली में 15723 मामलों में बालू ले जाने के लिए एक दिन में एक वाहन के लिए 11 से 861 ई-चालान बनाए गए।

वर्ष 2017 से 2021 के दौरान सैंपल के रूप में 14 जिलों में ई चालान के डाटा का सत्यापन किया गया।
पटनाः बिहार में करीब एक हजार करोड़ के बहुचर्चित चारा घोटाला के तर्ज पर अब बालू घोटाला का मामला सामने आया है। लालू यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सन 1990 के दशक में चारा घोटाला मामले में स्कूटर पर सांड ढोया गया था, तो अब नीतीश कुमार के कार्यकाल में बाइक, ई रिक्शा सहित कई छोटे-छोटे वाहनों पर बालू ढोने का खुलासा हुआ है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(सीएजी) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि चर्चित चारा घोटाले की तरह बाइक, ऑटो, ई रिक्शा और कार को कथित तौर पर विभिन्न घाटों से बालू ले जाने के लिए परिवहन के साधन के रूप में उन्हें उपयोग में लाया गया है। सीएजी की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि खनन विभाग की लापरवाही के कारण राज्य सरकार को लगभग 355 करोड़ का चूना लगा है।
विभागों के बीच कोआर्डिनेशन नहीं होने की वजह से बिहार सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। विधानमंडल में 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष की भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की गई है। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 से 2021 के दौरान सैंपल के रूप में 14 जिलों में ई चालान के डाटा का सत्यापन किया गया।
इसमें बालू और दूसरे खनिजों की ढुलाई के लिए कुल 2,43,811 ई चालान बनाए गए थे। लेकिन इसमें 46,935 ई चालान एंबुलेंस, बस, ऑटो रिक्शा, कार और बाइक के थे। यानी इन वाहनों का उपयोग बालू और अन्य खनिजों की ढुलाई के लिए किया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 35, 262 ई चालानों में 588 मोटरसाइकिल, बस व तिपहिया आदि के थे।
वहीं ठेकेदारों द्वारा 140 फर्जी ई चालान दिए गए थे। फर्जीवाड़ा इतना तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि एक ही दिन में कई-कई बार वाहनों का इस्तेमाल ढुलाई के लिए किया गया। इसमें एक दिन में एक कार ने 139 बार बालू ढोया तो एक मोटरसाइकिल का परिवहन में 181 बार तो मैक्सी कैब का 11 से 715 फेरा तक दिखाया गया।
सीएजी के अनुसार राज्य सरकार के 16 कार्य प्रमंडलों में लेखा परीक्षा द्वारा सत्यापित 33191 ई चालान में से 21192 फर्जी पाए गए हैं। यानी कुल ई चालान के 64 फीसदी फर्जी पाए गए हैं। सीएजी ने दावा किया है कि जिला खनन कार्यालयों में 230 करोड़ के 20700 नीलामवाद के मामले लंबित पाए गए हैं।
इन कार्यालयों द्वारा करीब 95 करोड़ रुपये की सुरक्षित राशि की वसूली हुई नहीं की गई। यही नहीं जहां खनन की मनाही है, वहां भी खनन करवा दिया गया। 11 जिला खनन कार्यालय औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर, गया, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास, सीवान और वैशाली में 15723 मामलों में बालू ले जाने के लिए एक दिन में एक वाहन के लिए 11 से 861 ई-चालान बनाए गए।
सीएजी ने हैरानी जताई है कि आखिर एक दिन एक ही वाहन का 11 से 861 ई-चालान कैसे बना? सीएजी ने सरकार से अनुशंसा की है कि विभाग को ऐसे मामलों की जांच करनी चाहिए और दोषी अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।