5000 से ज्यादा वांटेड अपराधियों को 'जिला बदर' करने की तैयारी, सूची तैयार, देखिए लिस्ट

By एस पी सिन्हा | Updated: July 4, 2025 16:26 IST2025-07-04T16:17:48+5:302025-07-04T16:26:09+5:30

Bihar Assembly Elections: अपराधियों को जिला बदर किया जा सकता है या थाने में नियमित हाजिरी देनी होती है।सीसीए-12-यह बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1981 की धारा 12 के अंतर्गत आता है।

Bihar Assembly Elections Preparations underway expel more than 5000 wanted criminals district list ready see | 5000 से ज्यादा वांटेड अपराधियों को 'जिला बदर' करने की तैयारी, सूची तैयार, देखिए लिस्ट

सांकेतिक फोटो

Highlightsबिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम के सीसीए-3 और सीसीए-12 के तहत की जा रही है।शुरुआत में 3 माह का आदेश होता है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। जेल में बंद 50 से अधिक अपराधियों की सूची तैयार है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में अपराध और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में पुलिस जुट गई है। पुलिस प्रशासन 5000 से ज्यादा वांटेड अपराधियों को 'जिला बदर' करने की तैयारी में जुटा हुआ है। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय ने राज्यभर में 1268 अपराधियों पर सीसीए-3  लगाने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को प्रस्ताव भेज दिया है। इनमें से 296 मामलों में पहले ही आदेश पारित हो चुका है, जबकि शेष की जांच प्रक्रिया जारी है। यह कार्रवाई बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम के सीसीए-3 और सीसीए-12 के तहत की जा रही है।

जो विशेष रूप से उन अपराधियों के लिए है, जिनकी मौजूदगी से कानून-व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है। पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गए प्रस्तावों में यह आग्रह किया गया है कि संबंधित अपराधियों की गतिविधियों की विस्तार से जांच कर उन्हें सीसीए के तहत निरुद्ध करने की प्रक्रिया पूरी करें।

जिलों में संबंधित थाना प्रभारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपराधियों की गतिविधियों पर नजर बनाए रखें और त्वरित रिपोर्ट दें। बता दें कि सीसीए-3- किसी चार्जशीटेड या आदतन अपराधी पर लगाया जाता है, जिसकी गतिविधियां चुनाव, जन-जीवन या सामाजिक शांति में व्यवधान पैदा कर सकती हैं।

ऐसे अपराधियों को जिला बदर किया जा सकता है या उन्हें थाने में नियमित हाजिरी देनी होती है। वहीं, सीसीए-12-यह बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1981 की धारा 12 के अंतर्गत आता है। इसके तहत बिना किसी नए केस के भी किसी अपराधी को जेल के अंदर रखा जा सकता है। अगर आशंका हो कि उसकी रिहाई लोक व्यवस्था को प्रभावित करेगी।

शुरुआत में 3 माह का आदेश होता है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। सीसीए-12 के तहत जेल में बंद 50 से अधिक अपराधियों की सूची तैयार है। नागमणि महतो (बेगूसराय, चेरिया बरियारपुर, कुंभी गांव),सुनील यादव (नवादा, नारदीगंज, अब्दलपुर गांव)  इन दोनों के खिलाफ सीसीए-12 का प्रस्ताव भेजा गया है। चुनाव से पहले हो रही इस व्यापक कार्रवाई को राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।

विपक्षी दलों का कहना है कि यह कदम कहीं न कहीं सत्तारूढ़ दल की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जबकि प्रशासन इसे कानून-व्यवस्था सुधारने की नियमित और आवश्यक प्रक्रिया बता रहा है। एडीजी( कानून-नगर) पंकज कुमार दराद ने कहा है कि चुनाव से पहले हर जिले के एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे अपराधियों की सूची बनाकर भेजें जिन पर सीसीए-3 या सीसीए-12 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है। राज्य में कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा।

बिहार में इस बार प्रशासन पूरी तरह सक्रिय मोड में है। दबंगों के दिन अब लदने को हैं क्योंकि कानून का डंडा अब औपचारिक नहीं, कारगर साबित हो रहा है। जिन्हें जिला अपना ठिकाना लगता था, अब उन्हें ही जिला छोड़ना होगा।

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