अयोध्या: अयोध्या में 12 साल की नाबालिग बच्ची से हुए बलात्कार के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता को आरोपी बनाया गया है। रेप केस में 2 अगस्त को FIR दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन ने शनिवार को बुलडोजर चलाकर आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान की बेकरी को जमींदोज कर दिया गया। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का भी बयान आया है। अखिलेश यादव ने आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है।
सपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा, "कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका DNA TEST कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर DNA TEST के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की माँग है।"
वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार को बसपा प्रमुख मायावती का समर्थन मिला है। बलात्कार के मामले में समाजवादी पार्टी के एक पदाधिकारी की गिरफ्तारी के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को कहा कि अयोध्या सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई उचित है। बसपा प्रमुख ने डीएनए परीक्षण पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी पर भी सवाल उठाया और पूछा कि उनके शासन के दौरान ऐसे कितने परीक्षण किए गए थे।
बता दें कि बेकरी मालिक और एसपी पदाधिकारी मोइद खान को उसके कर्मचारी राजू खान के साथ गुरुवार को अयोध्या पुलिस ने 12 वर्षीय लड़की के साथ कथित बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। लड़की आरोपियों के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करती थी। कथित तौर पर दुर्व्यवहार दो महीने से अधिक समय तक जारी रहा जिसके परिणामस्वरूप युवा पीड़िता गर्भवती हो गई।
मायावती ने इस मामले पर कहा कि अयोध्या सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपियों के खिलाफ यूपी सरकार द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है। उन्होंने आगे कहा कि किन एसपी द्वारा यह कहने का क्या मतलब निकाला जाए कि आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराया जाए। वहीं एसपी को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने कितने डीएनए टेस्ट कराए हैं। उन्होंने सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जाति, समुदाय और राजनीतिक पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर सख्त कदम उठाने का आग्रह किया।