लाइव न्यूज़ :

बेटी से रेप मामले में जेल काट रहे पिता की 10 महीने पहले हुई थी मौत, अब होईकोर्ट ने किया बरी

By भाषा | Updated: December 20, 2018 10:20 IST

लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सेना की इंजीनियरिंग सेवा में इलेक्ट्रीशियन उसके पिता ने 1991 में उसके साथ पहली बार दुष्कर्म किया था जब वे जम्मू कश्मीर के उधमपुर में रहते थे।

Open in App

निचली अदालत के एक गलत दृष्टिकोण के कारण नाबालिग बेटी से कथित बलात्कार के मामले में एक व्यक्ति के साथ अन्याय हुआ जो पहले दिन से अनुचित होने की दुहाई दे रहा था। हालांकि शख्स की मौत के दस महीने बाद उसे न्याय मिल सका जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया। निचली अदालत द्वारा व्यक्ति को दोषी ठहराये जाने और 10 साल जेल की सजा सुनाये जाने के 17 साल बाद यह फैसला सामने आया है।

उच्च न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लिया कि इस मामले में ना तो जांच सही से हुई और ना ही सुनवाई। यह मामला व्यक्ति की बेटी की शिकायत पर दर्ज कराया गया था। न्यायमूर्ति आर के गाबा ने कहा कि व्यक्ति पहले दिन से ही मामले में अनुचित होने की बात कहता रहा और दावा करता रहा कि किसी लड़के ने उसकी बेटी को अगवा कर लिया और उसे बहकाया। जनवरी 1996 में जब बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज की गई उस समय लड़की गर्भवती मिली थी। हालांकि जांच एजेंसी और निचली अदालत ने उसकी दलीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पिता ने उस लड़के के नमूने लेकर भ्रूण के डीएनए का मिलान करने को कहा था लेकिन पुलिस ने कोई बात नहीं सुनी और निचली अदालत ने इस तरह की जांच का कोई आदेश नहीं दिया। अदालत ने कहा कि जांच स्पष्ट रूप से एकतरफा थी। इस समय यह अदालत केवल सभी संबंधित पक्षों की ओर से बरती गयी निष्क्रियता की निंदा कर सकती है।

लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सेना की इंजीनियरिंग सेवा में इलेक्ट्रीशियन उसके पिता ने 1991 में उसके साथ पहली बार दुष्कर्म किया था जब वे जम्मू कश्मीर के उधमपुर में रहते थे।

निचली अदालत में लड़की द्वारा रखे गये तथ्यों का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि लड़की पर मामले की जानकारी देने पर कोई रोक नहीं थी और जैसा कि उसने कहा कि 1991 में उसके साथ बलात्कार का सिलसिला शुरू हुआ तो उसे इस बारे में उसकी मां, भाई-बहनों या परिवार के अन्य किसी बुजुर्ग को बताने से किसी नहीं रोका था।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि लड़के और लड़की के बीच शारीरिक संबंधों की संभावना की भी गहन जांच होनी चाहिए थी। दुर्भाग्य से नहीं हुई। उच्च न्यायालय ने 22 पन्नों के फैसले में कहा, ‘‘पिछले तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर यह अदालत निचली अदालत के इस निष्कर्ष से सहमत नहीं है।’’ 

टॅग्स :रेप
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

क्राइम अलर्टकांग्रेस के निलंबित विधायक राहुल ममकूट्टथिल ने की हैवानियत, गर्भावस्था के समय कई बार रेप, रिश्ता सार्वजनिक किया तो वीडियो करेंगे वायरल, कार में गर्भपात की गोलियां दीं

क्राइम अलर्टBengaluru: 5-स्टार होटल में क्रू मेंबर महिला के साथ बलात्कार, 60 वर्षीय पायलट पर लगा आरोप

क्राइम अलर्ट4 साल की बच्ची से रेप के बाद पत्थर मार-मार कर हत्या?, सड़क पर उतरे लोग, मंत्री नरहरि ज़िरवाल ने कहा-फास्ट-ट्रैक अदालत में मामला चलेगा और

क्राइम अलर्टमानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग लड़की के साथ कई बार रेप, मेडिकल जांच में गर्भवती

क्राइम अलर्ट अधिक खबरें

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

क्राइम अलर्ट20 साल की नर्सिंग छात्रा की गला रेतकर हत्या, पिता ने कहा-महेंद्रगढ़ के उपेंद्र कुमार ने बेटी का अपहरण कर किया दुष्कर्म और लाडो को मार डाला

क्राइम अलर्टNanded Honor Killing: प्रेम संबंध के चलते दलित युवक की हत्या के आरोप में 1 और आरोपी गिरफ्तार, पीड़ित परिवार को दी गई सुरक्षा

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार