लाइव न्यूज़ :

महाराष्ट्र सहित देश के दूसरे राज्यों में बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर नहीं हो रही कार्रवाई, 6 महीनों में 24000 रेप के मामले

By शीलेष शर्मा | Updated: July 13, 2019 20:37 IST

आंकड़े बताते है कि बच्चों के साथ ऐसे अपराधों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. उत्तर प्रदेश में 3457 मामले दर्ज हुए जिनमें से केवल 115 मामलों पर ही कार्रवाई हुई जो महज तीन फीसदी है. 

Open in App

देशभर में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न और दुराचार के आंकड़ों ने देश की सबसे बड़ी अदालत सर्वोच्च न्यायालय को सकते में डाल दिया है. सर्वोच्च न्यायालय को जो आंकड़े मिले है उनके अनुसार हाल के दिनों में पिछले छह महीनों में 24000 बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आई है. 

अदालत के आंकड़े बताते है कि देशभर 1 जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक जो बच्चों के साथ जो बलात्कार की घटनाएं हुई उनमें 24212 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई  लेकिन महज 9 से 11 मामले ही निपटाये जा सके. जहां एक ओर सर्वोच्च न्यायालय ने इन बढ़ते अपराधों पर गंभीर रुख अपनाया है तो वहीं दूसरी ओर राजनैतिक हलकों में भी बच्चों के साथ अपराधों को लेकर हलचल तेज हो गई है. 

कांग्रेस ने आज इस मुद्दे को ना केवल उठाया बल्कि यह भी चेतावनी दे दी कि वह इस मुद्दे पर संसद के अंदर और संसद के बाहर सरकार को घेरेगी. क्योंकि जो सर्वाधिक आंकड़े बच्चों के साथ दुराचार के सामने आ रहे है उनमें भाजपा शासित राज्यों के आंकड़े सबसे उपर है. 

आंकड़े बताते है कि बच्चों के साथ ऐसे अपराधों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. उत्तर प्रदेश में 3457 मामले दर्ज हुए जिनमें से केवल 115 मामलों पर ही कार्रवाई हुई जो महज़ तीन फीसदी है. 

यदि महाराष्ट्र की बात करें तो महाराष्ट्र भी उत्तर प्रदेश से बहुत पीछे नहीं है. इस राज्य के आंकड़े बताते है कि बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के 1940 मामले दर्ज किए गए और केवल 24 पर कार्रवाई हुई जो मात्र एक फीसदी है. कुछ राज्य तो ऐसे है जहां भले ही ऐसे अपराधों की संख्या कम हो लेकिन वहां कोई कार्रवाई किसी मामले में नहीं हुई और जो हुई वह ना के बराबर  थी,  ऐसे राज्यों में कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना, केरल, नगालैंड सहित दूसरे राज्य शामिल है. पंजाब में 347 मामले दर्ज हुए और 25 पर कार्रवाई की गई. चंड़ीगढ़ में29 मामले दर्ज हुई 12 पर कार्रवाई हुई और शेष फाइलों में बंद है.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस आंकड़ों को लेकर बयान दिया और कहा कि जिस तरह बच्चों के साथ दुराचार के मामले बढ़ रहे है प्रधानमंत्री मोदी का नारा बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं केवल खोखला नारा साबित हो गया है.  उनकी दलील थी कि जब सरकार प्रत्येक लड़की  पर 5 पैसे खर्च करेगी तो उसका सही विकास कैसे हो सकेगा.उन्होंने पूछा कि सरकार आखिर 2016 से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  के आंकड़े क्यों छुपा रही है. यदि 2016 से अब तक की बात करें तो बच्चियों के साथ बलात्कार के 90 हजार मामलें लंबित पड़े है. कांग्रेस का दावा था कि जहां-जहां भाजपा की सरकार है वहां महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों को दबाया जा रहा है. 

टॅग्स :रेपगैंगरेपउत्तर प्रदेशमहाराष्ट्रMaharashtra
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

क्राइम अलर्टUP News: एटा में शादी समारोह में फायरिंग, 2 नाबालिगों को लगी गोली; मौत

क्राइम अलर्टमां और पत्नी में रोज झगड़ा, तंग आकर 40 साल के बेटे राहुल ने 68 वर्षीय मां मधु की गर्दन रेती और थाने में किया आत्मसमर्पण

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट अधिक खबरें

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल

भारतभाजपा के वरिष्ठ शाहनवाज हुसैन ने तेजस्वी यादव पर बोला तीखा हमला, कहा- नेता विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं