लखनऊ:उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के छह वर्षों में राज्य में पुलिस और अपराधियों के बीच 10,000 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं, जिसमें 63 अपराधी मार गिराया गया। गुरुवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इन मुठभेड़ों में एक जांबाज सिपाही भी शहीद हो गया। आंकड़ों के अनुसार, मुठभेड़ों की संख्या के मामले में, मेरठ 2017 के बाद से सबसे अधिक 3152 मुठभेड़ों के साथ राज्य में शीर्ष पर है, जिसमें 63 अपराधी मारे गए और 1708 अपराधी घायल हुए, जबकि इस दौरान एक जांबाज पुलिसकर्मी भी शहीद हो गया, जबकि 401 पुलिसकर्मी घायल हो गये।
आंकड़ों में बताया गया है कि यूपी पुलिस की कार्रवाई के दौरान कुल 5,967 अपराधियों को गिरफ्त में लिया गया। मेरठ के बाद आगरा पुलिस ने 1844 मुठभेड़ों को अंजाम दिया, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 14 खूंखार अपराधी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए। बरेली में कुल 1497 एनकाउंटर किए गए जिनमें 3410 अपराधी गिरफ्तार किए गए जबकि 7 की मौत हो गई। बरेली में मुठभेड़ के दौरान 437 अपराधी घायल हुए थे। इन ऑपरेशनों में 296 बहादुर पुलिस कर्मी घायल हुए, जबकि 1 शहीद हो गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही राज्य की बागडोर संभाली, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करना उनकी प्राथमिकता बन गई। उनकी सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐसे तत्वों पर कार्रवाई तेज कर दी।
उल्लेखनीय है कि जीआईएस-23 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं और निवेशकों ने यूपी की कानून व्यवस्था की तारीफ की थी। यूपी पुलिस ने अपराध पर अंकुश लगाने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से काम किया और मुठभेड़ सबसे बड़ी रणनीति थी, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो गया, जिसके बाद वे राज्य से भागने लगे।