3 सदस्यीय न्यायिक आयोग करेगा अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच, योगी सरकार ने किया गठन

By राजेंद्र कुमार | Updated: April 16, 2023 18:48 IST2023-04-16T18:47:49+5:302023-04-16T18:48:45+5:30

योगी सरकार ने अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। यह तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 2 महीने में मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

3-member judicial commission will investigate Atiq-Ashraf murder case, Yogi government constituted | 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग करेगा अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच, योगी सरकार ने किया गठन

3 सदस्यीय न्यायिक आयोग करेगा अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच, योगी सरकार ने किया गठन

Highlightsयोगी सरकार ने अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कियागृह विभाग ने कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट 1952 के तहत इस न्यायिक आयोग को गठित कियातीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 2 महीने में मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा

लखनऊ: पुलिस अभिरक्षा में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हुई हत्या को लेकर देशभर में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। ऐसे में अब योगी सरकार ने अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। यह तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 2 महीने में मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

प्रदेश के गृह विभाग ने कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट 1952 के तहत इस न्यायिक आयोग को गठित किया है। इसके लिए गृह विभाग द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसके पहले विकास दुबे की भी पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या के मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था।

गौरतलब है कि पांच बार के विधायक और एक बार सांसद रहे अतीक अहमद और एक बार विधायक रहे अशरफ की प्रतापगढ़ में शनिवार की देर रात हत्या कर दी गई थी। यह हत्याकांड उस समय हुआ जब पुलिस अतीक और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लायी थी। उसी समय तीन हमलावर युवकों ने दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी।

इस हत्याकांड के आरोपियों लवलेश तिवारी, हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने इस हत्याकांड की दर्ज की गई में दावा किया कि लवलेश इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। हत्या की वजह क्या थी? 

इस सवाल का जवाब पुलिस ने एफआईआर में दिया है। कहा है कि तीनों अतीक गैंग का सफाया कर अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे, इसलिए अतीक के साबरमती जेल से लाने की खबर मिलते ही ये तीनों प्रयागराज आ गए और मीडियाकर्मी बनकर घूमते रहे। अतीक और अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था। 

तीन सदस्यीय आयोग 

इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं ने योगी सरकार की आलोचना की। राजनीतिक दलों के इस रुख के बीच योगी सरकार ने अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित करने का ऐलान कर दिया। यह आयोग हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में काम करेगा। इसमें रिटायर्ड आईपीएस सुबेश सिंह जो डीजी के पद से रिटायर हुए थे और जिला कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार सोनी को शामिल किया गया है।  

विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हत्याकांड पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या।

इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।" पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि "देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें तो बेहतर।

वैसे भी उत्तर प्रदेश में ''कानून द्वारा कानून के राज'' के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।" मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इस हत्याकांड की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश और देश में किस तरह की राजनीति हो रही है? एक दिन कोई मारा जाता है तो दूसरे दिन कोई और यह समाज को सोचना है कि उत्तर प्रदेश और देश किस दिशा में जा रहा है।

उच्चतम न्यायालय को इसका संज्ञान लेना चाहिए और जांच का आदेश देना चाहिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब कोई कानून नहीं होता। देश देख रहा है कि उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है। इस तरह की घटनाएं किसी के भी साथ हो सकती हैं, अगर कानून का राज नहीं है।

Web Title: 3-member judicial commission will investigate Atiq-Ashraf murder case, Yogi government constituted

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