2006 Varanasi Serial Blast: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट पर फैसला आ गया है। 2006 वाराणसी सीरियल बम धमाकों के दोषी वलीउल्ला खान को मौत की सजा सुनाई गई है। गाजियाबाद सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने सजा सुनाई।
गाजियाबाद की अदालत ने 16 साल पहले वाराणसी में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों से संबंधित दो मामलों में शनिवार को आतंकवादी वलीउल्ला को दोषी करार दिया था। अदालत ने इस मामले में छह जून को सजा सुनाई। सात मार्च, 2006 को संकट मोचन मंदिर और छावनी रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोटों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
खान को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच डासना जेल से जिला अदालत लाया गया। अदालत ने खान को हत्या की कोशिश के मामले में उम्र कैद की सजा भी सुनाई और जुर्माना भरने का आदेश दिया। मौत की सजा की पुष्टि इलाहाबाद उच्च न्यायालय को करनी होगी।
एक विशेष कार्य बल ने 2006 में दावा किया था कि खान बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी से जुड़ा था और विस्फोटों का मास्टरमाइंड था। पहला धमाका सात मार्च 2006 को शाम 6.15 बजे लंका थाना क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले संकट मोचन मंदिर के अंदर हुआ था। 15 मिनट के बाद वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के बाहर बम धमाका हुआ था।
दो विस्फोटों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और करीब 100 लोग घायल हो गए। उसी दिन दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में एक रेलवे क्रॉसिंग की रेलिंग के पास प्रेशर कुकर बम भी मिला था। जिला प्रशासन के वकील राजेश शर्मा ने 'पीटीआई-भाषा' को पहले बताया कि खान को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज दो मामलों में दोषी करार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि तीसरे मामले में आरोपी को अपर्याप्त सबूतों के कारण आरोपमुक्त कर दिया गया है। वाराणसी में वकीलों ने मामले की पैरवी करने से इनकार कर दिया था और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इसे गाजियाबाद जिला अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। तीनों मामलों में 121 गवाहों को अदालत में पेश किया गया था।