दौरे से पीछे हटने वाले खिलाड़ियों के लिए आईपीएल खेलने को ‘सही ठहराना’ मुश्किल होगा: फिंच

By भाषा | Published: June 18, 2021 02:42 PM2021-06-18T14:42:56+5:302021-06-18T14:42:56+5:30

Will find it difficult to 'justify' playing IPL for players withdrawing from tour: Finch | दौरे से पीछे हटने वाले खिलाड़ियों के लिए आईपीएल खेलने को ‘सही ठहराना’ मुश्किल होगा: फिंच

दौरे से पीछे हटने वाले खिलाड़ियों के लिए आईपीएल खेलने को ‘सही ठहराना’ मुश्किल होगा: फिंच

googleNewsNext

सिडनी, 18 जून ऑस्ट्रेलिया के कुछ शीर्ष खिलाड़ियों के आगामी सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए दौरे पर जाने वाली टीम से हटने पर ‘हैरानी’ जताते हुए कप्तान (एकदिवसीय एवं टी20) आरोन फिंच ने कहा कि ऐसे क्रिकेटरों को स्थगित आईपीएल 2021 के दूसरे भाग में अपनी भागीदारी को सही ठहराना मुश्किल होगा।

देश के सात शीर्ष खिलाड़ियों डेविड वॉर्नर, पैट कमिंस, ग्लेन मैक्सवेल, झाय रिचर्डसन, केन रिचर्डसन, मार्कस स्टोइनिस और डेनियल सैम्स ने वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के आगामी दौरे पर जाने वाली टीम से विभिन्न कारणों से हटने का ऐलान किया ।

वार्नर और कमिंस ने ‘दीर्घकालिन योजना’ के तहत वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के दौरे पर नहीं जाने का फैसला किया था। फिंच ने हालांकि कहा कि वह अपने साथियों के फैसले को समझ सकते हैं।

क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने ‘एसईएन रेडियो’ के हवाले से कहा कि फिंच ने ‘दूसरे खिलाड़ियों को लेकर हैरानी जतायी।’

सीमित ओवर की टीम के कप्तान फिंच ने कहा, ‘‘ मैंने उन सभी से बात की है । मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ लेकिन इसे समझा जा सकता है। मै चाहता था कि वे (टीम के साथ) यहां रहे।’’

फिंच से जब दौरे के लिए चयन के अनुपलब्ध रहने का आग्रह करने वाले खिलाड़ियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनके लिए आईपीएल के दूसरे भाग में खेलने को सही ठहराना मुश्किल होगा। क्योंकि आने वाले समय में टी20 विश्वकप और घरेलू सत्र के लिए कार्यभार काफी बढ़ेगा।’’

इस हफ्ते की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के चयन समिति के अध्यक्ष ट्रेवर होन्स ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि अगर आईपीएल के समय वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला का आयोजन होता है, तो देश के खिलाड़ी सितंबर के मध्य में इस टी20 लीग में नहीं खेलेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in app