Sports Flashback: कहानी सहवाग की उस पारी की, जिसने उन्हें 'मुल्तान का सुलतान' बना दिया

वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की यह दमदार पारी ही थी जिसकी बदौलत भारत ने पहली पारी में 675 रन बनाए।

By विनीत कुमार | Published: March 28, 2018 07:23 AM2018-03-28T07:23:09+5:302018-03-28T07:23:09+5:30

virender sehwag triple century against pakistan which made him sultan of multan | Sports Flashback: कहानी सहवाग की उस पारी की, जिसने उन्हें 'मुल्तान का सुलतान' बना दिया

वीरेंद्र सहवाग

googleNewsNext
Highlightsसहवाग ने 2004 के पाकिस्तान दौरे में किया था ट्रिपल सेंचुरी का कमालपाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में छक्का लगाकर सहवाग ने पूरा किया था तिहरा शतकचार साल बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में 28 मार्च को जड़ा टेस्ट का सबसे तेज तिहरा शतक

नई दिल्ली, 27 मार्च: क्रिकेट की दुनिया में वीरेंद्र सहवाग की पहचान एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में होती है जो कभी वनडे या टेस्ट फॉर्मेट में कोई अंतर करता नहीं दिखा। परिस्थिति जो भी हो, सहवाग का बल्ला हमेशा अपने अंदाज में दूसरी टीमों से बात करता नजर आया।

सहवाग को लेकर शुरू में यही बातें होती थी कि वह कभी टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप नहीं बना पाएंगे लेकिन 104 मैचों में 23 शतक, 32 अर्धशतक और 8000 से ज्यादा रन दिखाते हैं कि उन्होंने आलोचकों को गलत साबित किया। आइए, आज हम आपको सहवाग की उस पारी के बार में बताते हैं जिसने उन्हें 'मुल्तान के सुलतान' का तमगा दिया।

टीम इंडिया का 2004 का यादगार पाकिस्तान दौरा

सौरव गांगुली के नेतृत्व में लंबे अरसे बाद पाकिस्तान के दौरे पर 2004 में पहुंची टीम इंडिया वनडे सीरीज 3-2 से अपने नाम कर चुकी थी। इसके बाद भारतीय टीम के सामने टेस्ट में कमाल करने की चुनौती थी। 

मुल्तान में 28 मार्च से शुरू हुए पहले टेस्ट में आकाश चोपड़ा के साथ वीरेंद्र सहवाग ओपनिंग करने उतरे। दोनों ने पहले विकेट के लिए 160 रन जोड़े। चोपड़ा के बाद राहुल द्रविड़ जल्दी पविलियन लौटे और इसके बाद सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने जो पारी खेली उसने कई कीर्तिमान ध्वस्त किए।

सचिन और सहवाग की लाजवाब पारी

दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 336 रनों की साझेदारी हुई। इन दोनों ने कैसे पाकिस्तानी गेंदबाजों की उन्हीं के जमीन पर बखिया उधेड़ी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले ही दिन भारत के स्कोरकार्ड पर 350 रन टंग चुके थे।

सहवाग पहले दिन का खेल खत्म होने तक पाकिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने के संजय मंजरेकर (221) का रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुके थे। पहले दिन सहवाग 228 और तेंदुलकर 60 रनों पर नाबाद लौटे। 

छक्के के साथ सहवाग पूरा किया तिहरा शतक 

उस समय ऐसा केवल सहवाग ही कर सकते थे। सहवाग 295 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे और सामने सकलैन मुश्ताक थे। अमूमन कोई बल्लेबाज ऐसा खतरा नहीं उठाता लेकिन सहवाग ने वो कमाल किया और दुनिया देखकर बस हैरान होती रही। सहवाग ने छक्का लगाकर अपना तिहरा शतक पूरा किया।

सहवाग ने मैच के दूसरे दिन (29 मार्च) 364 गेंदों पर 300 रनों का आंकड़ा छुआ। इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ किसी टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। वह 309 रन बनाकर आउट हुए। अपनी पारी में सहवाग ने 6 छक्के और 39 चौके लगाए। वहीं, सचिन ने भी 194 रनों की पारी खेली।

सहवाग और सचिन की यह दमदार पारी ही थी जिसकी बदौलत भारत ने पहली पारी में 675 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान की टीम 407 रनों पर सिमट गई। फॉलोऑन के बाद दूसरी पारी में भी पाक टीम 216 पर सिमट गई और भारत ये मैच एक पारी और 52 रनों से जीतने में सफल रहा। यही नहीं, इस दौरे पर भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम की। पाकिस्तान की जमीन पर यह पहली बार था भारत ने किसी टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया। 

28 मार्च को सहवाग ने किया था एक और कमाल

अब इसे संयोग कह लीजिए या कुछ और, सहवाग ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा तिहरा शतक 28 मार्च को लगाया था। चेन्नई में 26 से 30 मार्च (2008) के बीच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट के तीसरे दिन सहवाग ने केवल 278 गेंदों पर तिहरा शतक जड़ दिया। यह टेस्ट इतिहास का सबसे तेज तिहरा शतक है। सहवाग इस मैच में 319 रन बनाकर आउट हुए। 304 गेंदों की पारी में उन्होंने 5 छक्के और 42 चौके लगाए।

दिलचस्प ये कि सहवाग ने यह पारी तब खेली जब दक्षिण अफ्रीका पहली पारी में 540 रन बना चुका था और भारतीय टीम दबाव में थी। यह मैच ड्रॉ रहा।

Open in app