मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर खेल के लिए एक बार फिर मैदान में उतरेंगे, लेकिन इस बार वो क्रिकेट के मैदान पर नहीं बल्कि राज्यसभा में होंगे। तेंदुलकर 'खेलने का अधिकार' और 'देश में खेल का भविष्य' की मांग लेकर राज्यसभा में पहुंचेंगे सांसद बनने के बाद से ही तेंदुलकर संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के लिए कई बार आलोचना झेल चुके हैं। सांसद तेंदुलकर ने 'खेलने का अधिकार' और 'देश में खेल का भविष्य' पर बहस के लिए अपना नोटिस सौंप दिया है। अप्रैल 2012 में तेंदुलकर को सांसद चुना गया था। ये पहला मौका होगा, जब तेंदुलकर किसी मुद्दे पर बहस में शामिल होंगे। तेंदुलकर के नोटिस के मुताबिक वो चाहते हैं कि एजुकेशन सिस्टम में कानूनी तौर पर खेल को शामिल किया जाए।जिससे सभी बच्चों तक खेल पहुंचे। दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से कहा था कि वो खेल और फिजिकल एक्टिविटी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, क्योंकि भारतीय बच्चों में मोटापा की दिक्कत बढ़ती जा रही है। तेंदुलकर ने साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। तेंदुलकर को बीजेपी सांसद रणविजय सिंह जुदेव और कांग्रेस के पीएल पूनिया का समर्थन मिल गया है |